वैश्विक चावल सम्मेलन 30 अक्टूबर से, एआई-आधारित छंटाई प्रणाली का प्रदर्शन: आईआरईएफ
राजेश राजेश अजय
- 29 Oct 2025, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) भारत की पहली कृत्रिम मेधा (एआई)-आधारित चावल छंटाई प्रणाली का अनावरण बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) 2025 में किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य देश के चावल निर्यात में सटीकता, दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना है।
भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (आईआरईएफ) ने बुधवार को बयान में कहा कि 30-31 अक्टूबर को भारत मंडपम में आयोजित होने वाला भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) 2025, वैश्विक चावल क्षेत्र में भारत के बढ़ते नेतृत्व को उजागर करेगा।
इस कार्यक्रम में देश की पहली कृत्रिम मेधा (एआई)-आधारित चावल छंटाई प्रणाली की सजीव पेशकश भी होगी।
इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें शीर्ष वैश्विक चावल आयातक, निर्यातक, वैज्ञानिक और नीति-निर्माता शामिल हैं। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) इस आयोजन को गैर-वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।
बीआईआरसी 2025 का एक विशेष आकर्षण कई राज्यों के 17 किसानों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों द्वारा सम्मानित करना होगा, जो चावल की खेती में गुणवत्ता, नवाचार और स्थिरता में उनके योगदान को मान्यता देंगे।
वर्ष 2024-25 में, भारत ने 12.95 अरब डॉलर मूल्य के 2.01 करोड़ टन चावल का निर्यात किया, जो 172 से अधिक देशों तक पहुंचा।
आईआरईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा, ‘‘बीआईआरसी, भारतीय किसानों की वैश्विक स्वीकृति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी बढ़ती पहचान की पुष्टि है।’’
उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की उन्नत तकनीकी क्षमताओं को भी प्रदर्शित करेगा।
गर्ग ने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा (एआई) और बिग डेटा द्वारा संचालित, यह नई प्रणाली चावल के दानों के रंग, आकार, आकृति और संरचना का एक साथ विश्लेषण कर सकती है, जिससे लागत, बिजली की खपत और जनशक्ति में कमी के साथ-साथ अभूतपूर्व सटीकता और दक्षता प्राप्त होती है। यह भारत के कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए एक बड़ी छलांग है।’’
इस आयोजन में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग लेंगे, और प्रत्येक राज्य अपनी अनूठी चावल की किस्मों और पारंपरिक अनाज का प्रदर्शन करेगा, जो भारत की कृषि और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
एक विशेष महिला उद्यमी, स्टार्टअप और एमएसएमई मंडप, बीज विकास और कटाई के बाद की तकनीकों से लेकर पैकेजिंग, ब्रांडिंग, डिजिटल व्यापार और ब्लॉकचेन-आधारित ट्रेसेबिलिटी तक कृषि-मूल्य श्रृंखला में नवाचारों को उजागर करेगा।
इस आयोजन के माध्यम से, एसोसिएशन वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है।
इसने अपने चावल निर्यात के विस्तार के लिए 26 देशों को संभावित बाजारों के रूप में पहचाना है। इन देशों में 1.8 लाख करोड़ रुपये की निर्यात क्षमता है।
भाषा राजेश राजेश