आरएसएस को मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र गुरमितकल में पथ संचलन की अनुमति मिली
प्रचेता वैभव
- 30 Oct 2025, 01:08 PM
- Updated: 01:08 PM
यादगीर (कर्नाटक), 30 अक्टूबर (भाषा) यादगीर जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र गुरमितकल शहर में पथ संचलन निकालने के लिए सशर्त अनुमति दे दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष गुरमितकल निर्वाचन क्षेत्र से आठ बार विधायक चुने गए थे।
आरएसएस के शताब्दी समारोह के तहत आयोजित इस पथ संचलन की अनुमति बुधवार को मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा के बाद दी गई।
यह आदेश आरएसएस के जिला प्रचार प्रमुख बसप्पा संजानोल द्वारा 23 अक्टूबर को प्रस्तुत एक आवेदन के बाद दिया गया है।
पुलिस ने पथ संचलन को सम्राट सर्कल, एपीएमसी सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठावाड़ी, पुलिस थाना सड़क, मिलन चौक और सिहिनीरू बावी मार्केट मेन रोड से होते हुए राम नगर में समापन की अनुमति दी है। जिला प्रशासन ने अनुमति के साथ दस शर्तें भी जोड़ी हैं।
आयोजकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सार्वजनिक या निजी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे अन्यथा नुकसान की पूरी भरपाई उन्हें करनी होगी।
आरएसएस स्वयंसेवकों को निर्धारित मार्ग का सख्ती से पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी जाति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे न लगाए जाएं।
शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आदेश में कहा गया है कि इस दौरान कोई भी सड़क अवरुद्ध न करने के साथ कोई भी दुकान जबरन बंद नहीं करवाई जानी चाहिए तथा कोई भी घातक हथियार या आग्नेयास्त्र साथ में नहीं होना चाहिए।
शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मार्ग पर पर्याप्त पुलिस सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन किया जाता है तो आयोजकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आरएसएस को अंततः ऐसा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
हाल में मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र एवं कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों तथा सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "आरएसएस नामक एक संगठन सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक मैदानों में भी अपनी शाखाएं चला रहा है जहां नारे लगाने के साथ बच्चों और युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जाते हैं।"
उन्होंने एक अलग पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
खरगे के अनुसार, इस तरह की गतिविधियां भारत की एकता और संविधान की भावना के खिलाफ हैं।
पत्र के कुछ दिनों बाद कर्नाटक कैबिनेट ने निर्णय लिया कि सरकारी संपत्तियों पर गतिविधियां संचालित करने वाले किसी भी संगठन को अधिकारियों से पहले अनुमति लेनी होगी।
इसके अलावा आरएसएस के संचलन में भाग लेने के कारण कुछ सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।
यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि आरएसएस कार्यकर्ताओं को इस दौरान लाठियां रखने की अनुमति होगी या नहीं।
भाषा प्रचेता