आरएसएस पथ संचलन: केएसएटी ने पीडीओ के निलंबन पर रोक लगायी
राजकुमार संतोष
- 30 Oct 2025, 07:23 PM
- Updated: 07:23 PM
(फाइल फोटो के साथ)
बेंगलुरु, 30 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएसएटी) ने आरएसएस के पथ संचलन में भाग लेने पर निलंबित किये गये एक पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) के ‘मनमाने निलंबन’ पर रोक लगा दी है।
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद और पेशे से वकील सूर्या ने कहा कि उनके विधि कार्यालय ने रायचूर जिले में लुंगासुगुर के पीडीओ प्रवीण कुमार के निलंबन को चुनौती दी थी।
सूर्या ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मेरे विधि कार्यालय ने रायचूर के लिंगासुगुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ‘आरएसएस’ के पथ संचलन में भाग लेने पर निलंबित कर दिये गये पीडीओ प्रवीण कुमार के. पी. के मनमाने निलंबन को माननीय कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘केएसएटी ने आज निलंबन आदेश पर रोक लगा दी, जो राजनीतिक दबाव के कारण मनमाने ढंग से पारित किया गया था।’’
उन्होंने कहा कि यह रोक कांग्रेस सरकार के लिए एक सबक होगा कि ‘‘किसी भी तरह की धमकी आरएसएस के राष्ट्र-निर्माण के आदर्शों को नहीं रोक सकती।’’
सूर्या ने कर्नाटक के पूर्व महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
सूर्या का कहना है कि 12 अक्टूबर को एक विधायक के निजी सहायक के रूप में तैनात प्रवीण कुमार ने आरएसएस के शताब्दी समारोह के तहत आयोजित पथ संचलन में भाग लिया था।
कर्नाटक पंचायत राज आयुक्तालय ने 18 अक्टूबर को कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम, 2021 के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए एक निलंबन आदेश जारी किया । यह नियमावली कहती है कि एक सरकारी कर्मचारी नैतिक ईमानदारी बनाये रखेगा और सार्वजनिक सेवा के अनुचित कार्यों में शामिल नहीं होगा।
सांसद सूर्या ने पीडीओ से मुलाकात की थी और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया था।
सूर्या ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने केएसएटी के समक्ष तर्क दिया कि निलंबन अवैध और मनमाना था। उन्होंने दलील दी थी कि गैर-कार्य दिवस पर एक निजी, गैर-राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेना सेवा नियमों का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने 'एक्स' पर लिखा,‘‘लगता है कि अदालत के निर्देशों की गलत व्याख्या करना भाजपा नेताओं की आदत बन गई है। कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण की कलबुर्गी पीठ ने केवल एक अंतरिम आदेश पारित किया है और आरएसएस की रैली में भाग लेने वाले पीडीओ के निलंबन आदेश को रद्द करने या दरकिनार करने का कोई आदेश नहीं दिया है।’’
उन्होंने कहा कि निलंबन आदेश बस मामले का अंतिम फैसला आने तक स्थगित रहेगा।
मंत्री ने बताया कि न्यायाधिकरण ने मामले को 14 नवंबर, 2025 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
खरगे ने कहा, ‘‘हम बयान दर्ज कराएंगे और प्रतिवाद करेंगे।’’
भाषा
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