आवारा कुत्तों का मामला: न्यायालय ने बिहार के मुख्य सचिव को पेशी से छूट देने से इनकार किया
आशीष नरेश
- 30 Oct 2025, 04:18 PM
- Updated: 04:18 PM
नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बिहार सरकार के उस अनुरोध को बृहस्पतिवार को अस्वीकार कर दिया जिसमें राज्य में विधानसभा चुनाव के कारण आवारा कुत्तों के मामले में उसके मुख्य सचिव को तीन नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने से छूट देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने बिहार की ओर से पेश हुए वकील से कहा, "निर्वाचन आयोग इसका ध्यान रखेगा। चिंता न करें। मुख्य सचिव को आने दीजिए।"
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होने हैं और मतगणना 14 नवंबर को होगी।
आवारा कुत्तों के मामले की 27 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को अदालत में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि अदालत के 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन शपथपत्र क्यों नहीं दाखिल किया गया।
बृहस्पतिवार को बिहार की ओर से पेश हुए वकील ने पीठ के समक्ष इस मामले का ज़िक्र किया। वकील ने कहा, "आपने अनुपालन नहीं करने वाले राज्यों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। बिहार राज्य में चुनाव हैं।"
पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव को राज्य चुनाव में कुछ नहीं करना है।
जब राज्य के वकील ने कहा कि किसी सचिव को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया जा सकता है तो पीठ ने कहा, "नहीं। अन्य सचिवों को वहां अपना काम करने दें।"
शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फटकार लगाई थी, जिन्होंने आवारा कुत्तों के मामले में अपने अनुपालन शपथपत्र दाखिल नहीं किए थे। पीठ ने कहा था कि लगातार घटनाएं हो रही हैं और देश की छवि विदेशों में ‘‘खराब’’ दिखायी जा रही है।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को छोड़कर अन्य किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने अनुपालन शपथपत्र दाखिल नहीं किया है।
पीठ ने कहा था, "चूंकि अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जवाब नहीं दिया है, इसलिए पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव 3 नवंबर, 2025 को सुबह 10.30 बजे इस अदालत के समक्ष उपस्थित होंगे और अपने-अपने स्पष्टीकरण के साथ बताएंगे कि अनुपालन शपथपत्र क्यों दाखिल नहीं किया गया है।"
शीर्ष अदालत आवारा कुत्तों से संबंधित एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही है।
शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को आवारा कुत्तों के मामले का दायरा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सीमाओं से आगे बढ़ाते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मामले में पक्ष बनाने का निर्देश दिया था।
भाषा आशीष