फेडरल रिजर्व के अस्पष्ट रुख से घरेलू बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 593 अंक लुढ़का
प्रेम अजय
- 30 Oct 2025, 06:19 PM
- Updated: 06:19 PM
मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) विदेशी कोषों की ताजा बिकवाली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों पर स्पष्ट रुख न आने से बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजार में खासी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 593 अंक लुढ़क गया जबकि निफ्टी में 176 अंक की गिरावट रही।
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 592.67 अंक यानी 0.70 प्रतिशत टूटकर 84,404.46 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 684.48 अंक गिरकर 84,312.65 अंक पर आ गया था।
एनएसई का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी भी 176.05 अंक यानी 0.68 प्रतिशत टूटकर 25,877.85 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही।
दूसरी तरफ लार्सन एंड टुब्रो, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और मारुति के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
लेमन मार्केट्स डेस्क के शोध विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व की सतर्क टिप्पणी और विदेशी कोषों की निकासी का सिलसिला दोबारा शुरू हो जाने से निवेशक धारणा प्रभावित हुई और मानक सूचकांक फिसल गए।’’
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,540.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,692.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अपेक्षा के अनुरूप अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती की। हालांकि, फेड चेयरमैन जेरोम पावेल द्वारा इसे 2025 की आखिरी ब्याज दर कटौती बताए जाने से मौद्रिक नीति में आगे ढिलाई की उम्मीदें कम हो गईं। अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती ने भी भारत सहित उभरते बाजारों में जोखिम-मुक्त धारणा को बढ़ावा दिया।’’
व्यापक बाजार में छोटी कंपनियों का बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.06 प्रतिशत नुकसान में रहा जबकि मझोली कंपनियों का मिडकैप अपरिवर्तित रहा।
क्षेत्रवार सूचकांकों में दूरसंचार खंड में सर्वाधिक 2.52 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि प्रौद्योगिकी खंड में 1.02 प्रतिशत, बैंकिंग खंड में 0.72 प्रतिशत और वित्तीय सेवा खंड में 0.59 प्रतिशत की गिरावट रही।
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,291 के शेयर गिरकर बंद हुए जबकि 1,876 कंपनियों में तेजी रही और 155 अन्य अपरिवर्तित रहे।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की सकारात्मक दायरे में बंद हुए।
यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
ऑनलाइन ट्रेडिंग मंच एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर. ने कहा, ‘‘बाजारों में व्यापक बिकवाली देखी गई क्योंकि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में भावी कटौती की अनिश्चितता पहले के आशावाद पर भारी पड़ गई। इस रुख से वैश्विक जोखिम धारणा कम हुई और निवेशक सतर्क हो गए। एफआईआई ने भी मुनाफावसूली लगातार जारी रखी लेकिन डीआईआई की चुनिंदा खरीदारी से बाजार बड़ी गिरावट से बच गया।’’
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत गिरकर 64.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बुधवार को सेंसेक्स 368.97 अंक चढ़कर 84,997.13 अंक और निफ्टी 117.70 अंक बढ़कर 26,053.90 अंक पर बंद हुआ था।
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