पासुम्पोन थेवर को भारत रत्न देने की अन्नाद्रमुक की सिफारिश का समर्थन करेंगे : स्टालिन
जितेंद्र रंजन
- 30 Oct 2025, 07:39 PM
- Updated: 07:39 PM
रामनाथपुरम, 30 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी पासुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर को भारत रत्न देने की ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की सिफारिश का समर्थन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री स्टालिन बृहस्पतिवार को 63वीं गुरु पूजा और 118वीं जयंती पर पासुम्पोन में थेवर के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने पासुम्पोन में थेवर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि उन्होंने अन्नाद्रमुक की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजा है, जिसमें थेवर को भारत रत्न देने की सिफारिश की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ‘एक्स’ पर थेवर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने थेवर को ‘भारत के सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालने वाली एक महान हस्ती’ बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “न्याय, समानता और गरीबों व किसानों के कल्याण के प्रति उनकी (थेवर की) अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। वह गरिमा, एकता और स्वाभिमान के लिए खड़े रहे, गहरी आध्यात्मिकता को समाज सेवा के अटूट संकल्प के साथ जोड़ते रहे।”
राज्यपाल आर एन रवि ने भी राजभवन में थेवर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपनी एक तस्वीर साझा की। इस बीच, अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) के शीर्ष नेता टीटीवी दिनाकरन ने पासुम्पोन में संवाददाताओं से कहा कि थेवर को भारत रत्न प्रदान करना उनकी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा है।
इससे पहले उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने मुथुरामलिंगा थेवर को श्रद्धांजलि दी थी।
उपराष्ट्रपति ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में स्वतंत्रता सेनानी को ‘‘महान योद्धा’’ बताया।
राधाकृष्णन ने लिखा, ‘‘एक महान योद्धा, निडर सेनानी और पूजनीय संत मुथुरामलिंगा थेवर एक सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र और उसके लोगों को समर्पित कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनुयायी के रूप में उन्होंने अपने विचारों और कर्मों में साहस, त्याग और देशभक्ति की मिसाल पेश की।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि थेवर ने राष्ट्रवाद और आध्यात्मिकता को जीवन के दो प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांत माना।
उन्होंने कहा, ‘‘वह सभी समुदायों और धर्मों के नेता थे, जिन्होंने दूसरों के कल्याण के लिए अपनी खुद की जमीन तक दान में दे दी।’’
राधाकृष्णन ने बताया कि थेवर गहन अध्ययनशील और प्रभावशाली वक्ता थे जिन्होंने अपने शब्दों और कर्मों से जनता को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘थेवर ने ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया, राष्ट्र के लिए कारावास सहा और हर चुनाव में विजय प्राप्त की...जिससे उन्हें जनता का अटूट प्रेम और विश्वास मिला।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पिछले 25 वर्षों से मैं पासुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर जयंती में भाग लेता आ रहा हूं और भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में तमिलनाडु के अपने पहले दौरे पर इस वर्ष के समारोह में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत गर्व और खुशी की बात है।’
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी पासुम्पोन स्मारक पर थेवर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि थेवर ने दमनकारी कानूनों से लोगों को मुक्त कराया और नेताजी के विश्वासपात्र के रूप में देश की आजादी के लिए संघर्ष किया।
विपक्ष के नेता ई. के. पलानीस्वामी और कई अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी पासुम्पोन जाकर थेवर को श्रद्धांजलि दी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार को भीड़ नियंत्रण के लिए मदुरै में 3,000 और पासुम्पोन में 8,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
दक्षिण तमिलनाडु में श्रद्धेय नेता मुथुरामलिंगा थेवर का जन्म 30 अक्टूबर 1908 को और उनका निधन 30 अक्टूबर 1963 को हुआ था इसलिए उनकी जयंती और गुरु पूजा दोनों एक ही दिन मनाई जाती है।
भाषा जितेंद्र