केरल:आशा कार्यकर्ताएं सचिवालय के बाहर जारी विरोध प्रदर्शन समाप्त करेंगी,अब जिलों में करेंगी आंदोलन
प्रचेता संतोष
- 31 Oct 2025, 12:21 PM
- Updated: 12:21 PM
तिरुवनंतपुरम, 31 अक्टूबर (भाषा) केरल सचिवालय के बाहर 265 दिनों से दिन-रात विरोध प्रदर्शन कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने शुक्रवार को अपने मौजूदा तरीके के आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की। ये कार्यकर्ता अपनी मानदेय राशि को ₹21,000 रुपये तक बढ़ाने और सेवानिवृत्ति के बाद पांच लाख रुपये का लाभ देने की मांग कर रही थीं।
केरल आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ (केएएचडब्ल्यूए) इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है। संघ ने बताया कि उनका यह विरोध प्रदर्शन अब जिलों में जमीनी स्तर पर आगे बढ़ेगा।
केएएचडब्ल्यूए की राज्य महासचिव एम ए बिंदु ने बताया कि उनके सदस्यों द्वारा विभिन्न प्रकार के विरोध प्रदर्शन किए गए जिनमें कई सदस्यों का कुछ महीनों तक भूख हड़ताल करना और कुछ अन्य सदस्यों का सिर मुंडवाना शामिल था। इसके माध्यम से उन्हें कई लाभ मिले हैं और अब इस विरोध प्रदर्शन को एक अलग तरीके से आगे बढ़ाने का समय है।
उन्होंने कहा कि उनके इस प्रदर्शन के कारण, केंद्र सरकार ने उनकी निश्चित प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया तथा 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को 50,000 रुपये देने का निर्णय लिया तथा राज्य सरकार ने उनके मानदेय में 1,000 रुपये की वृद्धि की।
बिंदू ने कहा कि राज्य सरकार जो मानदेय बढ़ाने से "हठपूर्वक" इनकार कर रही थी हाल ही में इसे बढ़ाने के लिए मजबूर हुई और यह भी घोषणा किया की गई कि सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
राज्य सरकार ने ‘मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता’ (आशा) की कार्यकर्ताओं की आवश्यकताओं का अध्ययन करने के लिए एक समिति भी गठित की।
बिंदू ने कहा, ‘‘चूंकि हम अपने 265 दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन के दौरान यह सब हासिल करने में सक्षम हुए, इसलिए हम कल यानी एक नवंबर को सचिवालय के सामने जारी मौजूदा तरीके के विरोध प्रदर्शन को समाप्त कर देंगे।’’
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा,"अपनी मांगों को पूरी तरह से पूरा होने तक हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम जमीनी स्तर पर जिलों में इसे जारी रखेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा कि 10 फरवरी, 2026 को उनके आंदोलन की शुरुआत के एक साल पूरे हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी 10 फरवरी को वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए सचिवालय के सामने एक विशाल विरोध रैली आयोजित करेंगी।
केएएचडब्ल्यूए की राज्य उपाध्यक्ष एस. मिनी ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताएं राज्य सरकार को मानदेय में 1,000 रुपये की वृद्धि करने के लिए मजबूर करने में सक्षम रहीं जिसने पहले इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक बड़ी जीत है।’’
भाषा प्रचेता