छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन: विरासत, आधुनिकता और उम्मीद का संगम
राजकुमार
- 31 Oct 2025, 08:46 PM
- Updated: 08:46 PM
(तस्वीरों के साथ)
रायपुर, 31 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दौरान रायपुर के एक निजी स्कूल के हॉल से शुरू हुआ विधानसभा का सफर 25 वर्ष बाद 51 एकड़ में फैले विशाल भवन तक पहुंच गया है, जिसका उद्घाटन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि नया रायपुर अटल नगर में मंत्रालय के करीब निर्मित विधानसभा भवन अपनी शानदार, आधुनिक और ‘इको-फ्रेंडली बिल्डिंग’ के लिए जाना जाएगा।
उन्होंने कहा कि 324 करोड़ रुपये की लागत से 51 एकड़ में निर्मित विधानसभा सिर्फ एक भवन नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान और प्रगतिशील भावना का प्रतीक है।
अधिकारियों ने बताया कि पारंपरिक कला और आधुनिक इंजीनियरिंग के मिश्रण के रूप में डिजाइन की गई यह संरचना परंपरा और नवाचार से भरपूर है।
उनका कहना है कि 'धान का कटोरा' के नाम प्रख्यात छत्तीसगढ़ की विधानसभा के सदन की सीलिंग पर धान की बालियों और पत्तियों को उकेरा गया है। यहां के ज्यादातर दरवाजे और फर्नीचर बस्तर के काष्ठ शिल्पियों द्वारा बनाए गए हैं। विधानसभा का नया भवन आधुनिकता और परंपरा का संगम है।
अधिकारियों के अनुसार नए विधानसभा भवन को वर्तमान और भविष्य की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है। आधुनिक, सर्वसुविधायुक्त, सुसज्जित इसके सदन को दो सौ सदस्यों के बैठने के लिए विस्तारित किया जा सकता है। भविष्य में ‘पेपरलेस’ विधानसभा संचालित हो सके, इसके लिए जरुरी व्यवस्थाओं और तकनीकों का समावेश किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक विधानसभा भवन को तीन हिस्सों में बनाया गया है। विंग-ए में विधानसभा का सचिवालय है, विंग-बी में सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का कार्यालय है। विंग-सी में सभी मंत्रियों के कार्यालय बने हुए हैं। आधुनिकतम सुविधाओं से लैस यह भवन पूर्णतः ऊर्जा-कुशल और हरित निर्माण तकनीक से बना है। सौर संयंत्र के साथ ही वर्षा जल संचयन के लिए दो सरोवर भी बनाए जा रहे हैं।
अधिकारियों का कहना है कि विधानसभा भवन में पांच सौ दर्शक क्षमता का आधुनिक ऑडिटोरियम और एक सेंट्रल हॉल भी है। पूरे भवन की वास्तुकला को आधुनिक और पारंपरिक शैलियों का मिला-जुला रूप दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और शिल्प से सजे-संवरे विधानसभा के इस नए भवन में राज्य के तीन करोड़ लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को आकार मिलेगा।
एक नवम्बर, 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के साथ ही छत्तीसगढ़ विधानसभा का भी गठन हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य की प्रथम विधानसभा में 91 सदस्य थे, जिनमें से 90 जनता द्वारा निर्वाचित तथा एक नामांकित सदस्य (एंग्लो इंडियन समुदाय) थे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का पहला सत्र रायपुर के राजकुमार कॉलेज (एक निजी स्कूल) के जशपुर हॉल में हुआ था। बाद में विधानसभा को राजधानी के बाहरी इलाके में रायपुर-बलौदाबाजार मार्ग पर एक नई बनी सरकारी भवन में शिफ्ट कर दिया गया था।
भाषा संजीव