राजग सत्ता में लौटा तो उप्र की तरह बिहार में भी माफिया का अंत होगा: योगी आदित्यनाथ
राजकुमार हक
- 31 Oct 2025, 06:49 PM
- Updated: 06:49 PM
सीवान/वैशाली, 31 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कांग्रेस तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर देश की सांस्कृति विरासत के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में लौटने पर प्रदेश से “माफिया का अंत’’ उसी तरह होगा, जैसे उनके राज्य में हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने चुनावी सभा में यह दावा भी किया कि कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल न होने की सलाह देकर देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का अपमान किया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सीवान, वैशाली और भोजपुर में तीन सभाओं को संबोधित किया।
योगी ने कहा, “कांग्रेस को बिहार की जनता ने इसलिए खारिज किया क्योंकि उसने सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर जैसे महापुरुषों का अपमान किया। यहां तक कि बिहार के ही रहने वाले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को भी कांग्रेस ने अपमानित किया था।”
उन्होंने दावा किया, “जब राजेंद्र बाबू ने सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निर्णय लिया, तब कांग्रेस के प्रधानमंत्री नेहरू ने उनसे कहा कि वे वहां न जाएं। लेकिन राजेंद्र बाबू के लिए यह आस्था का विषय था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा देना पसंद करेंगे, लेकिन समारोह में जाना नहीं छोड़ेंगे।”
कांग्रेस पर देश में गरीबी और पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए योगी ने कहा कि यह पार्टी “ब्रिटिश हुकूमत की उत्तराधिकारी” है, जिसने भारतीय उद्योगों और कारीगरी को नष्ट कर दिया।
योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने हमेशा भारत की सांस्कृतिक विरासत का अपमान किया है।
उन्होंने राम रथ यात्रा के दौरान भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि “इन्होंने भगवान राम के रथ को भी रोक दिया था।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कार्यकाल में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में यह हलफनामा दिया था कि भगवान राम के अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं है।
योगी ने कहा, “भाजपा और राजग ने हमेशा अपनी विरासत को सम्मान दिया है। हमने अपना वादा निभाया। राम मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया, जहां वह होना चाहिए था।”
उन्होंने कहा कि बिहार में यदि राजग सत्ता में लौटा तो “माफिया का अंत होगा, जैसे उत्तर प्रदेश में हुआ, जहां उनकी अवैध संपत्तियां जब्त की गईं और कई अपराधियों को नरक भेज दिया गया।”
योगी ने अपने पिछले बिहार दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया था, “जहां एक माफिया के परिजन फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहा है।”
उनका इशारा राजद प्रत्याशी ओसामा शहाब की ओर था, जो दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के पुत्र हैं। शहाबुद्दीन सीवान के बहुचर्चित बाहुबली और कई बार के सांसद रहे।
योगी ने कहा, “रघुनाथपुर में मेरी रैली में जिस उत्साह को मैंने देखा, उससे मुझे विश्वास हो गया है कि बिहार, जो माता सीता की भूमि है, वहां किसी ‘मारीच’ जैसे राक्षस को पनपने नहीं दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की तरह, ऐसे तत्वों को यहां भी बुलडोजर के नीचे कुचल दिया जाएगा।”
योगी ने देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके देश के राजनीतिक एकीकरण में योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान बनने के बाद जूनागढ़ और हैदराबाद के शासकों ने भारतीय संघ में विलय से इनकार कर दिया था। सरदार पटेल ने नवाबों से कहा कि वे दो इस्लामी रियासतें नहीं बनने देंगे जो भविष्य में समस्या बनेंगी। अंततः वे अपने बोरिया-बिस्तर समेत भाग गए।’’
योगी ने गरीबी और पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह पार्टी ‘‘ब्रिटिश साम्राज्यवादियों की उत्तराधिकारी’’ है जिसने ‘‘भारत के उद्योगों और हस्तशिल्प को नष्ट कर दिया और उस देश को आर्थिक तबाही की ओर धकेल दिया जो कभी वैश्विक जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार कभी प्राचीन सत्ता केंद्र पाटलिपुत्र की भूमि थी, जिसने चंद्रगुप्त जैसे महान सम्राट दिए। यह विद्या की भूमि थी जिसे विदेशी आक्रमणकारियों ने नष्ट किया और उनके वंशज आज भी राजनीतिक इस्लाम के नाम पर देश को विभाजित करने की कोशिश करते हैं।’’
योगी ने कहा कि यूनानी शासक सेल्युकस ने भी ‘‘चंद्रगुप्त की शक्ति को चुनौती दी थी, लेकिन बाद में अपनी गलती का एहसास होने पर समझौते के लिए अपनी बेटी का विवाह उनसे कर दिया।’’
उन्होंने 15वीं सदी के बिहार के शासक शेरशाह सूरी के पराक्रम को याद किया, जिन्होंने ‘‘अपने अल्प शासनकाल में मुगलों को परास्त किया’’ और 1857 के विद्रोह में ब्रिटिशों से लड़ने वाले ‘‘वीर कुंवर सिंह’’ के बलिदान को भी नमन किया।
भाषा कैलाश
राजकुमार