सपकाल ने मुंबई पुलिस पर उनकी जासूसी किए जाने का आरोप लगाया
खारी अविनाश
- 31 Oct 2025, 08:09 PM
- Updated: 08:09 PM
मुंबई, 31 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस उनकी जासूसी कर रही है और सादे कपड़ों में एक अधिकारी उनके कमरे तक आ गया था।
पार्टी मुख्यालय तिलक भवन में संवाददाताओं से बातचीत में सपकाल ने दावा किया कि हाल के दिनों में यह तीसरी ऐसी घटना है।
उन्होंने कहा, “आज सुबह एक पुलिसकर्मी सर्वोदय आश्रम में मेरे शयनकक्ष में घुस आया और मुझसे पूछने लगा कि क्या मैं कोई संवाददाता सम्मेलन कर रहा हूं और क्या यहां पत्रकार आए थे। जब मैंने पूछा कि ऐसा करने का आदेश किसने दिया है, तो उसने कहा कि वह वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।”
सपकाल ने सवाल उठाया कि क्या यह जासूसी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर की जा रही है।
उन्होंने कहा, “भाजपा का विरोधियों की जासूसी करने का इतिहास रहा है -पहले पेगासस, फिर फोन टैपिंग, और अब वे हमारे शयनकक्षों तक पहुंच गए हैं। लेकिन इस तरह की धमकियां हमें रोक नहीं पाएंगी।”
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने दावा किया कि गावदेवी पुलिस थाने के कर्मी सर्वोदय आश्रम में सपकाल के कमरे में घुस गए, जहां वह मुंबई प्रवास के दौरान ठहरते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनसे आश्रम परिसर में मीडिया की मौजूदगी और चल रही गतिविधियों के बारे में पूछताछ की।
लोंढे ने कहा कि पुलिसकर्मी शायद सपकाल को पहचान नहीं पाए। उन्होंने पूछा, “क्या यह जासूसी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती के आदेश पर की जा रही है?”
राजस्व मंत्री एवं भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “जासूसी तो कांग्रेस और महा विकास आघाड़ी के शासनकाल में होती थी। हमारा एकमात्र एजेंडा राज्य और उसके लोगों का विकास है... हमारे पास किसी की जासूसी करने का समय नहीं है।”
सपकाल ने पवई में पुलिस की गोली से रोहित आर्य की मौत पर भी सवाल उठाया। आर्य ने बृहस्पतिवार को एक स्टूडियो में 17 बच्चों सहित 19 लोगों को बंधक बना लिया था।
उन्होंने कहा, “उस व्यक्ति ने बच्चों को बंधक बनाया था, इसलिए उनका बचाव करना आवश्यक था। लेकिन जब एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) की टीम पहले से ही मौके पर मौजूद थी, तो पुलिस को गोली चलाने की क्या जरूरत थी? कहा जा रहा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर था, लेकिन उसने ‘माझी शाला सुंदर शाला’ जैसी सरकारी परियोजनाओं पर काम किया था और पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के साथ मंच भी साझा किया था।”
सपकाल ने इस घटना की जांच की मांग की।
उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस पर अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। सपकाल ने कहा, “फलटण में महिला डॉक्टर की मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि भाजपा नेताओं के दबाव के कारण हुई हत्या है। पूर्व सांसद रणजीत सिंह नाइक निम्बालकर के खिलाफ जबरन वसूली और मारपीट जैसे गंभीर आरोप होने के बावजूद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।”
उन्होंने कहा, “भाजपा पदाधिकारियों द्वारा किए गए उत्पीड़न के कारण अन्य जिलों में भी आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। फडणवीस के कार्यकाल में अपराध बढ़े हैं और वे अपराधियों के संरक्षक बन गए हैं।”
सपकाल ने बताया कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मतदाता सूची में “गड़बड़ियों” के मुद्दे पर एक नवंबर को निर्वाचन आयोग के खिलाफ होने वाले सर्वदलीय प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
भाषा खारी