राजग के वादों पर छिड़ी बहस, विपक्ष ने किया कटाक्ष
कैलाश रंजन
- 31 Oct 2025, 11:53 PM
- Updated: 11:53 PM
पटना, 31 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के बीच शुक्रवार को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घोषणा पत्र को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई। राजग ने अपने 69 पृष्ठों के इस घोषणापत्र में राज्य को गरीबी और बेरोजगारी से उबारकर उसे “वैश्विक कार्यस्थल” और “दक्षिण एशिया का वस्त्र केंद्र” बनाने का वादा किया है।
घोषणापत्र में अगले पांच वर्षों के लिए बिहार की “नई अर्थव्यवस्था” की परिकल्पना की गई है, जिसके तहत राज्य को “देश का एआई हब” एवं “पूर्वी भारत का नया टेक्नोलॉजी केंद्र” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
राजग ने दावा किया कि राज्य को अगले पांच वर्षों में “बाढ़मुक्त बिहार” बनाया जाएगा। इसके लिए “फ्लड कंट्रोल बोर्ड” गठित करने, नदियों के परस्पर जोड़ने और तटबंधों व नहरों के शीघ्र निर्माण की बात कही गई है, जिससे कृषि और मत्स्य क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित इलाकों में लाभ मिलेगा।
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले बिहार के लिए घोषणापत्र में “मेड इन बिहार फॉर द वर्ल्ड” अभियान चलाने की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य कृषि निर्यात में दो गुना वृद्धि करना है।
राजग ने एक करोड़ नौकरियां सृजित करने, जिनमें सरकारी नौकरियां भी शामिल हैं, चार नए शहरों में मेट्रो रेल सेवा, सात एक्सप्रेसवे, बेहतर रेल और वायु संपर्क तथा “रामायण, जैन, बौद्ध और गंगा सर्किट” के तहत आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक लाख हरित होमस्टे स्थापित करने की योजनाएं पेश कीं।
हालांकि, विपक्ष ने इन वादों को “बड़े-बड़े दावों” और “कुछ सेकंड की फोटो सेशन वाली औपचारिकता” करार दिया। विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस भूमिका पर भी सवाल उठाए, जब घोषणा पत्र जारी करने के बाद वे पत्रकारों के सवालों से दूर रहे और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कुछ मिनटों के लिए मीडिया को संबोधित कर कार्यक्रम समाप्त कर दिया।
कांग्रेस नेताओं अशोक गहलोत और अखिलेश प्रसाद सिंह ने उसी होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “राज्य के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री को बोलने तक नहीं दिया गया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने राजग पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “बीस साल तक शासन में रहने के बाद अब इन्हें वादों का घोषणापत्र जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी। इन्हें ‘संकल्प पत्र’ नहीं बल्कि ‘सॉरी पत्र’ जारी करना चाहिए, बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।”
तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “जब मैंने हर घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा किया, तो उन्होंने उसे अव्यवहारिक बताया था। अब वे बताएं कि एक करोड़ नौकरियां कैसे देंगे। हर जिले में फैक्ट्री लगाने की बात कर रहे हैं, तो पिछले बीस साल से ये क्या कर रहे थे?”
राजद नेता ने आगे कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद कहते हैं कि बिहार में बड़ी इंडस्ट्री के लिए जमीन नहीं है। ऐसे में ये वादे सिर्फ दिखावा हैं। घोषणा पत्र में 90 लाख गरीब परिवारों के उत्थान की कोई ठोस योजना नहीं है। वे मिड-डे मील की बात कर रहे हैं, यानी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि पहले यह योजना सही ढंग से नहीं चल रही थी। केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा का वादा तो ऐसा लगता है जैसे यह जूनियर केजी के बच्चों के लिए बनाया गया घोषणापत्र हो।”
इसी दौरान भारी वर्षा के कारण कई इलाकों में चुनाव प्रचार प्रभावित हुआ।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की बक्सर रैली रद्द करनी पड़ी, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 250 किलोमीटर से अधिक लंबा रोड शो किया, जिसे जद(यू) कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने “भव्य रोड शो” बताया।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीवान, वैशाली और भोजपुर में अपने आक्रामक भाषणों से राजनीतिक माहौल गरमाया।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि “देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का अपमान कांग्रेस के प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “विदेशी आक्रमणकारियों के वंशज, जिन्होंने प्राचीन नालंदा को नष्ट किया था, आज ‘पॉलिटिकल इस्लाम’ को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।”
इसी बीच, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद भी बिहार के मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताएं बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, “अब भी पांच लाख नकली मतदाता मौजूद हैं, जबकि एक लाख नाम ऐसे हैं जिनका कोई स्पष्ट उच्चारण नहीं है।”
भाषा कैलाश