दक्षिण एशियाई महिला ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस से धर्म और आव्रजन के मुद्दे पर सवाल किया
अमित रंजन
- 01 Nov 2025, 12:52 AM
- Updated: 12:52 AM
न्यूयॉर्क, 31 अक्टूबर (भाषा) अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस से एक दक्षिण एशियाई महिला ने उनकी आस्था और उनकी पत्नी उषा वेंस के साथ अंतर-धार्मिक विवाह के साथ-साथ आव्रजन पर ट्रम्प प्रशासन की नीतियों को लेकर सवाल किया।
दोनों के बीच संवाद सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें, बुधवार को यूनिवर्सिटी आफ मिसिसिपी में एक ‘टर्निंग प्वाइंट यूएसए’ कार्यक्रम में बिंदी लगाए महिला, वेंस से सवाल पूछती दिख रही है।
वेंस को संबोधित करते हुए महिला ने कहा, ‘‘आपने अभी जो कुछ कहा, मैं उनमें से कई बातों से सहमत नहीं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरा मुद्दा यहां इस पर चर्चा करना है।’’
महिला ने कहा कि वेंस का विवाह उषा वेंस से हुआ है, जो ईसाई नहीं हैं और वह एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप तीन बच्चों का पालन-पोषण एक अंतर-सांस्कृतिक और अंतर धार्मिक परिवार में कर रहे हैं। आप अपने बच्चों को कैसे संभाल रहे हैं या कैसे सिखा रहे हैं कि वे आपके धर्म को अपनी मां के धर्म से आगे न रखें... आप इसमें कैसे संतुलन बना रहे हैं?"
अपने परिवार के बारे में पूछे गए ‘‘निजी’’ सवाल का जवाब देते हुए वेंस ने कहा, "हां, मेरी पत्नी ईसाई धर्म में पली-बढ़ी नहीं हैं। मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि वह एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, लेकिन किसी विशेष धार्मिक परिवार में नहीं।"
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब वह उषा से मिले थे, तो वे दोनों ‘‘नास्तिक" थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी यह सहमति इस तरह बनी कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। हम एक-दूसरे से इस बारे में बात करते हैं। इसलिए हमने अपने बच्चों को ईसाई धर्म में पालने का फैसला किया है।’’
वेंस ने बताया कि अधिकांश रविवार को उषा उनके साथ चर्च जाती हैं।
वेंस और महिला के बीच यह संवाद सोशल मीडिया पर सामने आया और वेंस की टिप्पणियों की काफी आलोचना हुई। इसके जवाब में वेंस ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उषा की ईसाई धर्म अपनाने की कोई योजना नहीं है।
वेंस ने अपनी टिप्पणी की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर पलटवार करते हुए कहा, "सबसे पहले, यह सवाल मेरे बाईं ओर बैठे एक व्यक्ति ने मेरे अंतरधार्मिक विवाह के बारे में पूछा था। मैं एक सार्वजनिक व्यक्ति हूं और लोग उत्सुक रहते हैं, इसलिए मैंने सवाल को टाला नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी-जैसा कि मैंने टीपीयूएसए में कहा था-मेरे जीवन का सबसे अद्भुत आशीर्वाद है। उसने स्वयं कई साल पहले मुझे अपने धर्म के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह ईसाई नहीं है और उनका धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अंतर्धार्मिक विवाह या किसी भी अंतर्धार्मिक रिश्ते में रहने वाले कई लोगों की तरह, मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह भी चीजों को मेरी तरह देख पाएंगी। इसके बावजूद, मैं उनसे प्यार और उनका समर्थन करता रहूंगा और उनसे आस्था, जीवन और बाकी सभी चीज़ों के बारे में बात करता रहूंगा, क्योंकि वह मेरी पत्नी है।’’
महिला ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोलाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई के बीच प्रशासन की आव्रजन नीतियों पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘और जब आप यहां बहुत अधिक प्रवासियों की बात करते हैं, तो आपने यह संख्या कब तय की? आपने हमें सपने क्यों दिखाये? आपने हमें अपनी जवानी, अपनी दौलत इस देश में खर्च करने पर मजबूर किया और हमें एक सपना दिया।’’
महिला ने कहा कि ‘‘हमने जो कुछ हासिल किया है उसके लिए हमने कड़ी मेहनत की है, फिर आप एक उपराष्ट्रपति के रूप में यह कैसे कह सकते हैं कि ‘हम अब बहुत सारे हैं और हम उन लोगों को निकाल देंगे’? आपने हमें रास्ता दिखाया और अब आप इसे कैसे रोक सकते हैं और हमें कैसे कह सकते हैं कि अब हमारा यहां कोई हक़ नहीं है?’’
वेंस ने कहा कि अमेरिका को भविष्य में अपने आव्रजन के स्तर को कम करना चाहिए, साथ ही इस बात का सम्मान भी करना चाहिए कि ऐसे लोग हैं जो वैध आव्रजन मार्गों के माध्यम से देश में आए हैं और उन्होंने इसमें योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अमेरिका आना चाहते हैं और उनका काम अमेरिका के लोगों का ध्यान रखना है, न कि "पूरी दुनिया" के हितों का।
भाषा अमित