रोहन बोपन्ना ने पेशेवर टेनिस को अलविदा कहा
मोना पंत
- 01 Nov 2025, 03:40 PM
- Updated: 03:40 PM
नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी और दो बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोहन बोपन्ना ने शनिवार को पेशेवर टेनिस को अलविदा कह दिया जिससे एटीपी टूर पर उनके दो दशक से अधिक के कैरियर पर विराम लग गया ।
45 वर्ष के बोपन्ना ने आखिरी बार इस सप्ताह पेरिस मास्टर्स में खेला जिसमे वह कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुबलिक के साथ पहले दौर में हार गए ।
कर्नाटक के कूर्ग के रहने वाले बोपन्ना ने ‘ अलविदा ..लेकिन अंत नहीं ’ शीर्षक से अपने भावुक बयान में लिखा,‘‘ आधिकारिक रूप से खेल से विदा ले रहा हूं ।’’
उन्होंने आगे लिखा ,‘‘ आप उस चीज से विदा कैसे ले सकते हैं जिसने आपकी जिंदगी को मायने दिये । टूर पर बीस यादगार वर्ष बिताने के बाद अब विदा लेने का समय है ।’’
उन्होंने लिखा ,‘‘ भारत के छोटे से शहर कूर्ग से सफर की शुरूआत करने से लेकर , सर्विस दमदार बनाने के लिये लकड़ी के टुकड़े कांटने, स्टेमिना बढाने के लिये कॉफी के बागानों के बीच से जॉगिंग करने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट पर दूधिया रोशनी में अपने सपनों को पूरा करने तक । सब सपने जैसा लगता है ।’’
बोपन्ना ने पेरिस ओलंपिक के बाद अंतरराष्ट्रीय कैरियर से संन्यास ले लिया था । उन्होंने 2023 में डेविस कप से विदा ली थी और आखिरी बार लखनऊ में मोरक्को के खिलाफ खेला था ।
युगल विशेषज्ञ बोपन्ना ने 22 साल तक खेलने के बाद टेनिस को खेल से अधिक करार देते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण क्षणों में यह उनके लिये शक्ति, विश्वास और ध्येय का स्रोत रहा ।
उन्होंने लिखा ,‘‘हर बार जब मैं कोर्ट पर उतरता था, तो इसने मुझे हिम्मत और फिर से लड़ने की सीख दी जब मेरे अंदर से आवाज आती थी कि मैं नहीं कर सकता और सबसे बढ़कर इसने मुझे याद दिलाया कि मैंने क्यों शुरू किया था और मैं कौन हूं।’’
बोपन्ना ने अपने परिवार को भी धन्यवाद दिया । उन्होंने अपने माता पिता को उनके बलिदानों के लिये , बहन रश्मि को लगातार हौसलाअफजाई के लिये और पत्नी सुप्रिया को कोर्ट के बाहर सबसे अच्छी जोड़ीदार साबित होने के लिये धन्यवाद कहा ।
उन्होंने अपनी बेटी त्रिधा के लिये लिखा कि उसने उन्हें नया मकसद और ताकत दी है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले कुछ साल में मैने जितने भी मैच खेले, सब तुम्हारे लिये थे । तुम्हे दिखाने के लिये कि सपने सच करने के लिये लड़ना चाहिये और जीत से ज्यादा विनम्रता और साहस मायने रखता है ।’’
बोपन्ना 2000 के दशक की शुरुआत में पेशेवर खिलाड़ी बने और भारत के सबसे सफल युगल खिलाड़ियों में से एक बन गए । वह अपनी दमदार सर्व और एटीपी टूर पर लंबे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते थे। अपने कैरियर के दौरान उन्होंने कई डेविस कप मुकाबलों, ग्रैंड स्लैम और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया ।
उन्होंने कनाडा की गैब्रिएला डाब्रोवस्की के साथ 2017 में फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता जो उनका पहला ग्रैंडस्लैम था । इसके बाद 2024 आस्ट्रेलियाई ओपन में मैथ्यू एबडेन के साथ पुरूष युगल खिताब जीता ।
उन्होंने 2023 में एबडेन के साथ इंडियन वेल्स खिताब जीता तो 43 वर्ष की उम्र में सबसे उम्रदराज एटीपी मास्टर्स चैम्पियन बने । वह 2024 में सबसे उम्रदराज युगल नंबर एक खिलाड़ी भी बने ।
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