आंध्र प्रदेश में काशीबुग्गा मंदिर में भगदड़ मचने से नौ लोगों की मौत; मोदी, नायडू ने शोक जताया
राजकुमार सुरेश
- 01 Nov 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
(फोटो के साथ)
काशीबुग्गा (आंध्र प्रदेश), एक नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में काशीबुग्गा के एक मंदिर में शनिवार को भगदड़ मचने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मृतकों में एक लड़का एवं आठ महिलाएं शामिल हैं।
इससे पहले श्रीकाकुलम जिलाधिकारी ने मृतकों की संख्या 10 बताई थी।
राज्य की गृह मंत्री वांगलापुडी अनिता ने कहा कि यह मंदिर निजी है और धर्मस्व विभाग के अधीन नहीं है। उनके मुताबिक, यहां हर शनिवार को आमतौर पर 1,500 से 2,000 श्रद्धालु आते हैं।
कार्तिक मास के साथ ही एकादशी व्रत होने के कारण यह त्रासदी और भी विकराल हो गई, क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। जान गंवाने वालों में कम से कम सात 35 से 40 साल आयुवर्ग की हैं।
मंत्री के अनुसार, मंदिर पहली मंजिल पर स्थित है और जब श्रद्धालु चढ़ रहे थे तो रेलिंग टूट गई, जिसके परिणामस्वरूप कोने पर खड़े लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े।
श्रीकाकुलम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) केवी महेश्वर रेड्डी ने कहा कि मंदिरों (या धार्मिक संस्थानों) के लिए यह अनिवार्य है कि वे कार्यक्रम आयोजित करते समय पुलिस से अनुमति लें, भले ही श्रद्धालुओं की संख्या कुछ भी क्यों न हो।
रेड्डी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत अनिवार्य है। वे कह सकते हैं कि इतने या उतने लोग आ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल 200 या 2,000 लोग ही हों। अगर 200 लोग भी आते हैं, तो वे हमें सूचित कर सकते हैं और हम स्थिति का आकलन करेंगे, उसके आधार पर बंदोबस्त करेंगे।’’
संयोग से, पुलिस ने आज उत्तरी आंध्र जिले के अन्य मंदिरों को भी सुरक्षा प्रदान की, लेकिन पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस विशेष मंदिर के मालिक, मुकुंद पांडा, उन्हें सूचित करने में विफल रहे।
रेड्डी के अनुसार, पांडा ने बिना आवश्यक अनुमति के मंदिर का निर्माण किया और उसे (आम नागरिक के लिए) खोल दिया।
इस बीच, एसपी ने कहा कि गैर-इरादतन हत्या के आरोपों के तहत मामले दर्ज किये जा रहे हैं।
पहले रेड्डी ने बताया था, ‘‘नौ लोगों की मौत हुई है। एक व्यक्ति की हालत गंभीर है...उसकी मौत नहीं हुई है। बारह साल के एक लड़के की (भी) मौत हुई है। बाकी सभी मृतक महिलाएं हैं। यह एक निजी मंदिर है। यह कोई सरकारी मंदिर नहीं है। इसका निर्माण हाल ही में हुआ है।’’
रेड्डी ने कहा था कि सीढ़ियों के पास लगी लोहे की ग्रिल गिर गयी, जिसके बाद लोग डर गए और उन्हें लगा कि कुछ गिर रहा है।
उन्होंने कहा था, “घबराहट के कारण वे लगभग छह फुट की ऊंचाई से गिर गए। भगदड़ जैसी कोई घटना नहीं हुई। चूंकि यह (ग्रिल) छह फुट की ऊंचाई से गिरा था, इसलिए एक व्यक्ति दूसरे पर गिर गया और इसी वजह से यह हादसा हुआ।”
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से एक दुर्घटना है और मालिक की गलती के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने पुलिस बंदोबस्त के लिए आवेदन नहीं दिया था, इसके लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई थी।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को दो-दो हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ मचने की घटना से मैं दुखी हूं। मैं अपने प्रियजन को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया।
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ से मुझे बहुत दुख हुआ है। यह बहुत दुखद है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों को घायलों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। नायडू ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं को भगदड़ स्थल पर राहत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
नायडू ने घटना की पूर्ण जांच कराये जाने की घोषणा की। श्री सत्य साईं जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए, नायडू ने आयोजकों पर पुलिस को पहले से सूचित न करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘काशीबुग्गा में एक व्यक्ति ने वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का निर्माण कराया। कार्तिक मास के पावन अवसर पर बहुत से भक्त वहां दर्शन के लिए गए थे। पुलिस को सूचित नहीं किया गया। अगर सूचना मिली होती, तो पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाती और भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता था।’’
इस घटना को ‘‘दर्दनाक’’ और ‘‘निंदनीय’’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘...निर्दोष लोगों की जान चली गई। हम इस घटना को गंभीरता से लेंगे। जो भी ज़िम्मेदार होगा, उसे हिरासत में लिया जाएगा और पूरी जांच की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि यह त्रासदी व्यवस्था और अनुशासन की कमी के कारण हुई।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया।
एक बयान में, उन्होंने कहा कि यह हृदयविदारक है कि नौ श्रद्धालुओं की जान चली गई। उन्होंने सरकार से शोक संतप्त परिवारों को सहायता प्रदान करने और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया।
भाषा राजकुमार