प्रधानमंत्री मोदी उभरते विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार सम्मेलन की सोमवार को शुरुआत करेंगे
संतोष दिलीप
- 02 Nov 2025, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन नवंबर को पहले ‘उभरते विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी)-2025 का यहां उद्घाटन करेंगे और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में निजी क्षेत्र नीत निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष की शुरुआत करेंगे। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
ईएसटीआईसी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम बताया गया है, जिसे हर वर्ष आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तीन दिवसीय सम्मेलन में शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों, उद्योग और सरकार की ओर से 3,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। इसके अलावा नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रमुख वैज्ञानिक, नवोन्मेषक और नीति निर्माता भी भाग लेंगे।
देश के आरएंडडी पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री एक लाख करोड़ रुपये की अनुसंधान, विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना निधि की शुरुआत करेंगे।
बयान में कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य देश में निजी क्षेत्र आधारित अनुसंधान एवं विकास व्यवस्था को बढ़ावा देना है।
‘इमैजिन (कल्पना करो), इनोवेट (नवाचार करो), इंस्पायर (प्रेरणा दो)’ विषय के अंतर्गत, यह सम्मेलन नीति निर्माताओं, शीर्ष वैज्ञानिक प्रतिभाओं, उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और शोधकर्ताओं सहित संपूर्ण भारतीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को एकजुट करेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ईएसटीआईसी ‘कमियों की पहचान करने, साझेदारियां बनाने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को भारत की विकासात्मक प्राथमिकताओं के साथ जोड़ने वाले मार्गों का सह-निर्माण’ करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
बयान के अनुसार, ईएसटीआईसी में प्रमुख वैज्ञानिकों के व्याख्यान, पैनल चर्चा, प्रस्तुतियां और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किये जाएंगे, जो भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए शोधकर्ताओं, उद्योग और युवा नवप्रवर्तकों के बीच सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेंगे।
सम्मेलन में उन्नत सामग्री एवं विनिर्माण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव विनिर्माण, नीली (महासागरीय) अर्थव्यवस्था, डिजिटल संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और अर्धचालक विनिर्माण, उभरती कृषि प्रौद्योगिकियां, ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकियां, क्वांटम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों समेत मुख्य रूप से 11 विषयों पर चर्चा की जाएगी।
इस बीच, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सिंह ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में छह से नौ दिसंबर तक आयोजित होने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) की तैयारियों की भी समीक्षा की।
भाषा
संतोष