केरल में साइबर अपराधों में शामिल पाए गए कई युवा
जोहेब सुरेश
- 02 Nov 2025, 11:42 AM
- Updated: 11:42 AM
(टोबी एंटनी)
कोच्चि, दो नवंबर (भाषा) कोच्चि के मराडू स्थित एक राष्ट्रीय बैंक में बृहस्पतिवार को सुबह के समय सामान्य तरीके से कामकाज जारी था, तभी अचानक एक पुलिस दल बैंक में दाखिल हुआ और कॉलेज के दो छात्रों के पास पहुंचा, जो पैसे निकालने की प्रक्रिया पूरी कर रहे थे।
बैंक में गहमागहमी के बीच, पुलिस अधिकारियों ने शांति से दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया।
बाद में पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी पूरे राज्य में चलाए जा रहे एक अभियान “ऑपरेशन साइ-हंट” के तहत की गई। पुलिस के अनुसार, दोनों छात्र जिस धनराशि को निकाल रहे थे, वह एक बड़े साइबर धोखाधड़ी गिरोह से जुड़ी हुई थी।
केरल पुलिस के ‘साइबर ऑपरेशंस विंग’ द्वारा समन्वित इस अभियान में एक ही दिन में पूरे राज्य में 1,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।
अभियान के अंत तक 263 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 382 मामले दर्ज किए गए, और 714 स्थान पर छापे मारे गए। इसके अलावा, 125 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए।
घटना इस बात का संकेत है कि कानून की परवाह किए बिना धन अर्जित करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
‘साइबर ऑपरेशंस विंग’ के अनुसार, इस अभियान के दौरान लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य के साइबर घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
पुलिस ने बताया कि इस अभियान में उन लोगों को निशाना बनाया गया, जिन्होंने ऑनलाइन नौकरी घोटाले, फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, और अन्य साइबर अपराध के माध्यम से पीड़ितों से ठगे गए पैसे को प्राप्त किया या निकाला था।
इस अभियान के केंद्र में वे खाते थे, जिन्हें पुलिस ‘म्यूल अकाउंट्स’ मानती है। म्यूल अकाउंट्स ऐसे बैंक खाते होते हैं जिन्हें कमीशन के बदले साइबर अपराधियों को किराए पर दिया जाता है।
इन खातों में धोखाधड़ी से अर्जित पैसे जमा किए जाते हैं, फिर चेक या एटीएम के जरिये निकालकर बिचौलियों को सौंप दिए जाते हैं।
कोच्चि पुलिस आयुक्त पी. विमलादित्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “कोच्चि में गिरफ्तार किए गए अधिकांश लोग युवा हैं, विशेष रूप से कॉलेज के छात्र। हमने इलूर थाने में दर्ज एक मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी 21 वर्ष के हैं और अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ते हैं।”
उन्होंने कहा कि कई मामलों में छात्रों के खातों में बड़ी धनराशि पाई गई, और उनमें से कई को यह भी नहीं पता था कि पैसे कहां से आए।
एक आरोपी ने कथित रूप से अपने साथी छात्रों के 10 बैंक खातों का नियंत्रण हासिल कर लिया था।
आयुक्त ने कहा, “उन्हें बताया गया था कि पैसा ‘ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म’ से आ रहा है। धोखेबाजों ने उन्हें पैसे के लालच में फंसाया।
छात्रों की बढ़ती संलिप्तता को देखते हुए, कोच्चि पुलिस शैक्षणिक संस्थानों और रेजिडेंट्स एसोसिएशनों के माध्यम से जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना बना रही है।
विमलादित्य ने कहा, “हमने पाया है कि कई छात्र जानबूझकर या अनजाने में ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। उन्हें इसके परिणामों के बारे में चेतावनी दी जाएगी।”
साइबर ऑपरेशंस विंग ने एक बयान में कहा कि गिरफ्तार लोगों में वे भी शामिल हैं, जो संगठित वित्तीय धोखाधड़ी नेटवर्क से जुड़े थे और जिन्होंने या तो ठगे गए पैसे निकाले या अपने बैंक खाते कमीशन पर किराये पर दिए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर ऑपरेशंस) एस. श्रीजीत ने कहा कि ‘ऑपरेशन साइ-हंट’ राज्य की साइबर पुलिसिंग में एक सक्रिय बदलाव का संकेत है।
उन्होंने कहा, “आमतौर पर पुलिस जांच तब शुरू होती है जब शिकायत प्राप्त होती है, लेकिन इस बार हमने तब कार्रवाई की जब पीड़ितों को यह भी पता नहीं था कि वे ठगे जा चुके हैं।”
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई उन संदिग्ध बैंक खातों की निगरानी के बाद की गई जिन्हें राष्ट्रीय साइबर पोर्टल ने चिह्नित किया था।
भाषा जोहेब