दरवाजे से नहीं हटने पर व्यक्ति ने गुस्से में युवती को चलती ट्रेन से धक्का दिया; प्राथमिकी दर्ज
खारी अविनाश
- 03 Nov 2025, 08:07 PM
- Updated: 08:07 PM
तिरुवनंतपुरम, तीन नवंबर (भाषा) तिरुवनंतपुरम जिले में वर्कला के निकट एक शराबी व्यक्ति ने चलती ट्रेन से एक युवती को इसलिए धक्का दे दिया क्योंकि उसने दरवाजे से हटने से इनकार कर दिया था। मामले में दर्ज प्राथमिकी से यह जानकारी मिली।
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी की पहचान पनाचमूडू निवासी सुरेश कुमार (50) के रूप में हुई है। कुमार ने गुस्से में पालोडे निवासी 20 वर्षीय श्रीकुट्टी को कथित तौर पर ट्रेन से बाहर धक्का दे दिया।
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि घायल महिला की हालत में सुधार हुआ है, लेकिन वह अब भी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में है।
तिरुवनंतपुरम रेलवे पुलिस ने कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है।
श्रीकुट्टी और पीटीपी नगर निवासी उसकी सहेली अर्चना (19) यहां अलुवा से तिरुवनंतपुरम जा रही केरल एक्सप्रेस के अनारक्षित डिब्बे में यात्रा कर रही थीं, तभी यह घटना हुई।
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘श्रीकुट्टी के दरवाजे से हटने से इनकार करने पर आरोपी ने गुस्से में आकर उसकी पीठ पर लात मारी और उसे चलती ट्रेन से बाहर धकेल दिया।’’
इसमें यह भी कहा गया है कि अर्चना मदद के लिए चिल्लाई जिसके बाद आरोपी ने उसका हाथ और पैर पकड़ लिया और उसे भी बाहर धकेलने की कोशिश की। अर्चना की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि चिकित्सीय जांच में पुष्टि हुई है कि कुमार नशे में था। कुमार कथित तौर पर कोट्टायम से अनारक्षित कोच में चढ़ा था।
पुलिस ने कुमार को गिरफ्तार कर उसे अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
श्रीकुट्टी का तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज हो रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उसके सिर और पेट में गंभीर चोटें आई हैं।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि श्रीकुट्टी की हालत स्थिर बनी हुई है, हालांकि वह अब भी वेंटिलेटर पर है।
एक अधिकारी ने बताया कि चिकित्सकों की एक टीम उसकी देखरेख कर रही है।
श्रीकुट्टी की मां प्रियदर्शिनी ने कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी को करीब 20 चोटें आई हैं।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की ओर से बेटी की हालत के बारे में कोई आश्वासन नहीं मिलने के कारण परिवार चिंतित है।
श्रीकुट्टी के बेहतर इलाज की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी का शरीर बर्फ जैसा ठंडा पड़ा है और उसकी आंखें आधी खुली हैं। वह वेंटिलेटर से सांस ले रही है।’’
प्रियदर्शिनी ने कहा कि उनकी बेटी गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाती थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी वह कुछ गलत देखती तो हमेशा आवाज उठाती। इसीलिए उस पर हमला किया गया।’’
अक्सर ट्रेन से सफर करने वाली प्रियदर्शिनी ने कहा कि उन्होंने सफर के दौरान ऐसे कई घटनाएं देखी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अनारक्षित डिब्बों में महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं है।’’
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को एक मेडिकल बोर्ड गठित करने और श्रीकुट्टी को बेहतर चिकित्सा देखभाल करने का निर्देश दिया है।
यह घटना वर्कला रेलवे स्टेशन से रात लगभग साढ़े आठ बजे केरल एक्सप्रेस के रवाना होने के कुछ ही देर बाद हुई।
श्रीकुट्टी और उसकी सहेली अर्चना जब शौचालय से बाहर आईं तो दरवाजे के पास खड़े कुमार ने कथित तौर पर उन पर हमला किया।
यात्रियों ने आपातकालीन चेन खींचकर पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सूचित किया। जल्द तलाश शुरू की गई और युवती वर्कला स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर दूर पटरियों पर पड़ी मिली।
उसे पहले एक मेमू (मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन से वर्कला रेलवे स्टेशन और फिर पास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बाद में उसे तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।
आरपीएफ कर्मियों द्वारा पकड़े गए आरोपी को कोचुवेली स्टेशन पर रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया गया।
अर्चना ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि उस पर और श्रीकुट्टी पर बिना किसी उकसावे के हमला किया गया।
उसने कहा ‘‘आरोपी ने श्रीकुट्टी को ट्रेन से बाहर धक्का दे दिया और फिर मुझे भी नीचे गिराने की कोशिश की लेकिन अन्य यात्रियों ने मुझे ऊपर खींच लिया जिससे मैं बच गयी।’’
भाषा खारी