करोड़ों रुपये की साइबर धोखाधड़ी के मामले में बैंक के उपप्रबंधक समेत तीन लोग गिरफ्तार
किशोर आनन्द संतोष
- 06 Nov 2025, 10:13 PM
- Updated: 10:13 PM
लखनऊ, छह नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पुलिस ने बृहस्पतिवार को निजी बैंक की एक शाखा के उपप्रबंधक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार करके करोड़ों रुपये के साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। इस गिरोह के शिकार लोग पूरे भारत में हैं।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) कमलेश दीक्षित ने बताया कि साइबर अपराध प्रकोष्ठ और साइबर अपराध पुलिस थाने के संयुक्त अभियान के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान चिनहट स्थित इंडसइंड बैंक के उप शाखा प्रबंधक उत्तम कुमार विश्वास, उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के निवासी उमाकांत और राजीव विश्वास के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी एक ऐसा गिरोह चला रहे थे जो ऑनलाइन गेमिंग और अन्य साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से प्राप्त धन को इधर-उधर करने के लिए फर्जी कंपनियां बनाकर कई बैंक खाते खोलते थे।
डीसीपी ने कहा, " गिरफ्तार उपप्रबंधक ने फर्जी खाते खोलने में सक्रिय सहयोग दिया और होने वाली आय का 10 से 20 प्रतिशत तक कमीशन प्राप्त किया।"
पुलिस ने बताया कि तीनों को बुधवार को महानगर क्रॉसिंग के पास एक गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान, उमाकांत ने आकाश रियल एस्टेट एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक फर्जी कंपनी चलाने की बात स्वीकार की, जिसके माध्यम से धन शोधन के लिए फर्जी बैंक खाते खोले गए थे।
डीसीपी ने बताया कि उत्तम बिस्वास और उसके साथियों ने अब तक लगभग 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है, जिसमें से 10-20 प्रतिशत की राशि बैंक अधिकारी को नकद और डिजिटल हस्तांतरण के माध्यम से भुगतान किया गया था।
सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने बाद में कुर्सी रोड स्थित किरण एन्क्लेव में एक घर पर छापा मारा और उत्तम कुमार बिस्वास को गिरफ्तार कर लिया, जिसने हेराफेरी में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली।
बिस्वास ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने आरोपियों को इंडसइंड बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक में सनराइज सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खाते खोलने में मदद की थी, जहां एटीएम और ऑनलाइन हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी से धन प्राप्त किया जाता और उसे निकाला जाता था।
कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने आरोपियों के पास से 30,000 रुपये नकद, पांच मोबाइल फोन, छह एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया।
भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं और आईटी अधिनियम की धारा 66(डी) के तहत साइबर अपराध पुलिस थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाषा किशोर आनन्द