कॉप30 के विशेष दूतों ने विश्व नेताओं से जलवायु संकट के खिलाफ एकजुटता का संकेत देने का आग्रह किया
वैभव नरेश
- 07 Nov 2025, 04:51 PM
- Updated: 04:51 PM
नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) कॉप30 के सात विशेष दूतों ने शुक्रवार को ब्राजील में इस वर्ष होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं से पेरिस समझौते के कार्यान्वयन में ‘निर्णायक प्रगति’ लाने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि एक डिग्री सेल्सियस के दसवें हिस्से के बराबर अतिरिक्त तापमान भी ‘कठोर परिणाम’ लाएगा।
कॉप30 के अध्यक्ष और विश्व नेताओं को लिखे एक संयुक्त पत्र में, दूतों ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन एक ‘‘महत्वपूर्ण अवसर और एक गंभीर चुनौती’’ दोनों प्रस्तुत करता है और इससे एक मजबूत संकेत मिलना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जलवायु संकट का सामना करने के अपने दृढ़ संकल्प में एकजुट है।
आगामी 10 नवंबर से 21 नवंबर तक आयोजित होने वाला कॉप30 सम्मेलन पेरिस समझौते के एक दशक पूरे होने के अवसर पर हो रहा है।
यह वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों, चल रहे युद्धों और अमेरिकी शुल्क से उत्पन्न आर्थिक अनिश्चितता के बीच हो रहा है।
आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा चिंताओं के बीच कई विकसित देशों द्वारा अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं का पुनर्मूल्यांकन करने के साथ-साथ अमेरिका के पेरिस समझौते से हटने के चलते इस वर्ष की जलवायु वार्ता के लिए एक चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि तैयार हो गई है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2025 रिकॉर्ड पर दूसरा या तीसरा सबसे गर्म वर्ष होगा। वर्ष 2024 सबसे गर्म वर्ष था और ऐसा पहला वर्ष था जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
हालांकि, पेरिस समझौते में निर्दिष्ट 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा का स्थायी उल्लंघन 20 या 30 वर्षों की अवधि में दीर्घकालिक तापमान वृद्धि को दर्शाता है।
वैज्ञानिकों ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2030 के दशक की शुरुआत तक दुनिया में तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की बहुत संभावना है।
दक्षिण एशिया, अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका सहित प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दूतों ने कहा कि 2015 के पेरिस समझौते के बाद से हुई प्रगति के बावजूद, तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए वैश्विक कार्रवाई अपर्याप्त है।
उन्होंने लिखा, ‘‘हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे नहीं बढ़ रहे हैं।’’
दूतों ने कहा कि कॉप30 को पेरिस समझौते और दुबई में कॉप28 में अपनाई गई संयुक्त अरब अमीरात की आम सहमति, दोनों के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सीओपी30 के लिए सात विशेष दूत हैं - अदनान जेड अमीन (पश्चिम एशिया), अरुणाभ घोष (दक्षिण एशिया), कार्लोस लोपेज (अफ्रीका), जैसिंडा अर्डर्न (ओशिनिया), जोनाथन पर्शिंग (उत्तरी अमेरिका), लॉरेंस टुबियाना (यूरोप) और पेट्रीसिया एस्पिनोसा (लैटिन अमेरिका और कैरिबियन)।
भाषा वैभव