तेलंगाना : जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त
रवि कांत रवि कांत नरेश
- 09 Nov 2025, 07:16 PM
- Updated: 07:16 PM
हैदराबाद, नौ नवंबर (भाषा) तेलंगाना के जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के लिए जोरदार प्रचार रविवार को समाप्त हो गया।
मतदान 11 नवंबर को होगा और मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
इस वर्ष जून में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण यह उपचुनाव आवश्यक हो गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दीपक रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि गोपीनाथ की पत्नी सुनीता बीआरएस की उम्मीदवार हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार नवीन यादव हैं, जिन्हें असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) का भी समर्थन प्राप्त है।
इस उपचुनाव का महत्व इस बात से देखा जा सकता है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी कई दिनों तक इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं, जो किसी मुख्यमंत्री के लिए उपचुनाव में ऐसा करने का अभूतपूर्व उदाहरण है।
रेड्डी ने रविवार को जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का विश्वास जताते हुए भविष्यवाणी की कि भाजपा अपनी जमानत जब्त करा देगी और बीआरएस पराजित हो जाएगी।
न केवल मुख्यमंत्री बल्कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी अपने सभी मंत्रियों को चुनाव प्रचार में लगा दिया है।
केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार और के. टी. रामा राव सहित बीआरएस के वरिष्ठ नेता भी अपने पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में लगभग रोजाना निर्वाचन क्षेत्र में पदयात्रा, रोड शो और नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं।
प्रशासन ने मतदान वाले इलाकों में नौ नवंबर शाम छह बजे से मतदान वाले दिन शाम छह बजे तक शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि यह आदेश 14 नवंबर सुबह छह बजे से मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहेगा।
त्रिकोणीय मुकाबले में तीनों प्रमुख दलों के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा है। हालांकि, उपचुनाव के नतीजों का कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह रेवंत रेड्डी सरकार के प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण होगा।
हार से सरकार आक्रामक बीआरएस और महत्वाकांक्षी भाजपा के हमलों के प्रति संवेदनशील हो जाएगी। यह उपचुनाव बीआरएस के लिए करो या मरो की लड़ाई है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी, जबकि उसके पहले 2023 के विधानसभा चुनावों में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था।
इसके अलावा, जुबली हिल्स पर बीआरएस का कब्जा था, जब तक कि उसके विधायक मगंती गोपीनाथ का निधन नहीं हो गया था और इसे बरकरार न रख पाने के कारण यह क्षेत्रीय पार्टी राज्य की राजनीति में हाशिये पर चली गई।
भाजपा जीत हासिल करने के लिए उत्सुक है क्योंकि उसका लक्ष्य 2028 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभरना है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को हाल ही में मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने से मुस्लिम मतदाताओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 4.01 लाख है, जिनमें 2,08,561 पुरुष, 1,92,779 महिला और 25 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।
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