महिला डॉक्टर आत्महत्या : प्रकाश आंबेडकर ने निष्पक्ष जांच की मांग की
अमित दिलीप
- 09 Nov 2025, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
बीड, नौ नवंबर (भाषा) वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने रविवार को बीड जिले में उस महिला डॉक्टर के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिसकी कथित आत्महत्या के बाद एक पुलिस अधिकारी को बलात्कार के आरोपों को लेकर बर्खास्त कर दिया गया था। आंबेडकर ने विशेष जांच दल (एसआईटी) से निष्पक्ष जांच की मांग की।
आंबेडकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एसआईटी को सबसे पहले पिछले वर्ष दर्ज सभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए, विशेष रूप से युवा चिकित्सक (जो अब दिवंगत हो चुकी हैं) की देखरेख में की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उस पर कितना दबाव था।’’
उन्होंने कहा कि यदि दबाव होने का पता चलता है, तो जांच का दायरा बढ़ाकर जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की जानी चाहिए, चाहे वे पुलिस, मेडिकल समुदाय, राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र से संबंधित हों।
उन्होंने इस दुखद घटना के पीछे के ‘‘वास्तविक कारण’’ का पता लगाने के लिए संबंधित अवधि के दौरान चिकित्सक से संपर्क करने वाले सभी व्यक्तियों के कॉल रिकॉर्ड की जांच करने का भी आह्वान किया।
बीड निवासी एवं सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में तैनात 28 वर्षीय डॉक्टर का शव 23 अक्टूबर को फलटण कस्बे के एक होटल के कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया था।
उसकी हथेली पर लिखे 'सुसाइड नोट' में आरोप लगाया गया है कि पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल बदने ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
उप-निरीक्षक और इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद, बदने को पुलिस बल से बर्खास्त कर दिया गया।
आंबेडकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मृत डॉक्टर के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के वादे को पूरा करने का आग्रह किया।
आंबेडकर ने कहा, "मुख्यमंत्री 'इंस्टेंट इडली' की तरह तुरंत बयान देते हैं, लेकिन बाद में दी गई जानकारी विरोधाभासी होती है। उन्हें पुलिस द्वारा दी गई जानकारी की पुष्टि करनी चाहिए।"
उन्होंने बीड में "अस्थिर सामाजिक स्थिति" पर भी गहरी चिंता व्यक्त की और इसे मराठा और वंजारी समुदायों के बीच तनाव बढ़ाने के राजनीतिक तत्वों के प्रयासों का परिणाम बताया।
उन्होंने कहा, "राज्य के दो सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होने के नाते, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को बीड में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।"
भाषा अमित