मनसे नेता ने नासिक निकाय चुनाव एमवीए के साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की
धीरज नरेश
- 10 Nov 2025, 03:00 PM
- Updated: 03:00 PM
नासिक, 10 नवंबर (भाषा) राज ठाकरे नीत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)ने सोमवार को घोषणा की उसने नासिक में स्थानीय निकाय चुनाव राज्य की विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के साथ मिलकर लड़ने का निर्णय लिया है।
मनसे नेता दिनकर पाटिल ने इसकी घोषणा यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की लेकिन साथ ही कहा कि इस पर अंतिम निर्णय राज ठाकरे लेंगे।
एमवीए में उद्धव ठाकरे की शिवसेना(उबाठा), शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं।
पाटिल ने कहा, ‘‘आगामी सभी चुनावों के लिए गठबंधन किया गया है। लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। सभी दलों ने मतदाता सूची में अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। इसके अलावा, बारिश से हुई फसल के नुकसान से किसान परेशान हैं।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता डीएल कराड ने कहा कि सभी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा वाली सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के प्रभाव को कम करने के लिए आगामी चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचार, जातिवाद आदि मुद्दों पर सरकार की उपेक्षा के खिलाफ एकजुट हुए हैं।’’
स्थानीय कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद राहुल दिवे ने हालांकि, यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें वरिष्ठों द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हाथ मिलाने का फैसला किया है। हालांकि, हम अपने नेता बालासाहेब थोराट को बाद में इस फैसले के बारे में बताएंगे। हम पार्टी आलाकमान के आदेश का पालन करेंगे।’’
हालांकि, राज्य कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि उनकी पार्टी ने नासिक में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के साथ गठबंधन करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।
जुलाई से अब तक उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे कई बार विभिन्न आयोजनों में मिल चुके हैं और अपने दलों के बीच गठबंधन के संकेत देते हुए बयान दे चुके हैं, लेकिन कांग्रेस कथित तौर पर एमवीए में मनसे को शामिल करने का विरोध कर रही है।
राकांपा (एसपी)सुप्रीमो शरद पवार ने संयोगवश आठ नवंबर को अकोला में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विपक्षी खेमे में मनसे को शामिल लेने का संकेत दिया था, और आग्रह किया था कि ‘‘कांग्रेस पार्टी को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पर अतिवादी रुख नहीं अपनाना चाहिए, और इस बारे में सोचना चाहिए।’’
भाषा धीरज