बिहार में वोट चोरी से राजग को मिली जीत; चुनाव आयोग, भाजपा ने मिलकर काम किया: शिवसेना (उबाठा)
तान्या माधव
- 15 Nov 2025, 04:26 PM
- Updated: 04:26 PM
मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने शनिवार को दावा किया कि बिहार चुनाव निर्वाचन आयोग द्वारा कराया गया घोटाला है और सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर वोट चोरी के जरिए जीतने का आरोप लगाया।
सत्तारूढ़ राजग को चुनावों में शानदार जीत मिलने के एक दिन बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए जेडी(यू) पर नियंत्रण करने में संकोच नहीं करेगी।
पार्टी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्मृति लोप की समस्या से जूझ रहे हैं और सवाल किया कि ऐसी चुनौतियों वाला व्यक्ति बिहार का नेतृत्व कैसे कर सकता है।
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने दावा किया कि बिहार में भाजपा की जीत का फार्मूला महाराष्ट्र की तरह ही तय हो गया है, जहां विपक्षी महा विकास आघाडी को 50 सीटें भी नहीं जीतने दी गईं।
पार्टी ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे आश्चर्यजनक नहीं थे। पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और भाजपा वांछित परिणाम पाने के लिए मिलकर काम कर रहे थे।
संपादकीय में कहा गया, "बिहार चुनाव भारतीय लोकतंत्र में एक घोटाला है।"
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया, "वोट फिर से चुराए गए, जिसके आधार पर भाजपा और (बिहार के मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार ने चुनाव जीत लिया।"
पार्टी ने पूछा कि अगर चुनाव प्रक्रिया के द्वारपाल ही चोरों की मदद करेंगे तो लोग किस पर भरोसा करेंगे।
सत्तारूढ़ राजग ने शुक्रवार को विपक्षी महागठबंधन को करारी शिकस्त देकर सत्ता बरकरार रखी तथा कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी राजद को करारा झटका दिया। भाजपा ने 2020 की 74 सीटों की तुलना में 89 सीटें जीतीं, जबकि नीतीश कुमार के जनता दल (यू) ने 43 सीटों की तुलना में 85 सीटों पर सफलता हासिल की। 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है।
विपक्षी खेमे में राष्ट्रीय जनता दल की सीटों की संख्या 75 से घटकर 25 रह गई, जबकि कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल छह सीटें ही जीत सकी, जो पिछली बार की 19 सीटों से काफी कम है।
शिवसेना (उबाठा) ने दावा किया कि राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में निकाली गई "वोट अधिकार यात्रा" को भारी समर्थन मिला है।
कुमार पर निशाना साधते हुए, शिवसेना (उबाठा) ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री स्मृति लोप से पीड़ित हैं, जो सार्वजनिक रूप से उनके अनियमित व्यवहार से स्पष्ट होता है।
पार्टी ने पूछा, "ऐसा व्यक्ति बिहार को कैसे आगे ले जाएगा?"
शिवसेना (उबाठा) ने कहा कि बिहार में भाजपा के दो उप-मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वह इस पूर्वी राज्य में अपना मुख्यमंत्री नहीं बना सकी।
भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए जदयू को अपने नियंत्रण में लेने में संकोच नहीं करेगी।
भाषा तान्या