जनजातीय समाज की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध है ‘डबल इंजन’ सरकार: योगी आदित्यनाथ
जफर खारी
- 15 Nov 2025, 06:24 PM
- Updated: 06:24 PM
सोनभद्र (उप्र), 15 नवंबर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनजातीय समाज के जीवन में सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ‘‘डबल इंजन’’ सरकार विकास, सुरक्षा और सुशासन को साथ लेकर आगे बढ़ रही है और जनजातीय समाज को मुख्यधारा के विकास का अग्रणी भागीदार बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है।
‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय बाहुल्य जिले सोनभद्र के चोपन में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर केवल स्मरण का नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव को विकास से जोड़ने का है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बिरसा मुंडा का संदेश ‘अबुआ देश, अबुआ राज’ आज के नए भारत में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के रूप में प्रकट हो रहा है। डबल इंजन सरकार जनजातीय समाज की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है।”
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों से प्रेरित होकर सोनभद्र और पूरे उत्तर प्रदेश का जनजातीय समाज राष्ट्र की एकता, सुरक्षा और समृद्धि में सक्रिय भूमिका निभाएगा और विकास की मुख्यधारा में अग्रणी भागीदार बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज से 150 वर्ष पहले 1875 में जन्मे ‘धरती आबा’ ने मात्र 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जो संघर्ष छेड़ा, वह आज भी नए भारत के लिए मार्गदर्शक है। रांची जेल में यातनाओं के बीच उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया, ब्रिटिश हुकूमत को जनजातीय समुदाय के अधिकारों को स्वीकार करना पड़ा।”
उन्होंने बताया कि आज स्वतंत्र भारत में वही संघर्ष जनजातीय समाज के सम्मान, हिस्सेदारी और विकास के रूप में आगे बढ़ रहा है और डबल इंजन सरकार इसे न्यायपूर्ण नीतियों और ठोस कार्यों में बदल रही है।
सोनभद्र की विशेषता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल ऊर्जा राजधानी नहीं, बल्कि मानव इतिहास और प्रकृति की अद्भुत धरोहर का भी केंद्र है। सलखान फॉसिल पार्क में 140 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्मों के अवशेष विश्व समुदाय के लिए अद्वितीय आकर्षण हैं और यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जाना सोनभद्र की वैश्विक पहचान को मजबूत करता है।”
उन्होंने कहा कि शिवद्वार पंचमुखी महादेव, ज्वालामुखी शक्तिपीठ, हाथी नाला और जैवविविधता पार्क जैसे धार्मिक और प्राकृतिक स्थल यहां आध्यात्मिक और पारिस्थितिकी पर्यटन की अपार संभावनाओं को उजागर करते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली 15 जनजातियों में से 14 जनजातियां अकेले सोनभद्र में निवास करती हैं और यहां चार लाख से अधिक जनजातीय बहन-भाइयों का जीवन मानव उद्गम और सभ्यता के इतिहास से जुड़ी एक जीवंत विरासत है।
जनजातीय गौरव के संरक्षण के लिए सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बलरामपुर जनपद के इमलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय और छात्रावास स्थापित किया जा चुका है। इसी प्रकार का ‘जनजातीय गौरव संग्रहालय’ कमिश्नरी क्षेत्र में भी स्थापित किया जाएगा ताकि जनजातीय समाज की कला, लोकवाद्य, जीवनशैली और परंपराओं को संरक्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पीएम जन मन योजना’ के अंतर्गत ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ उत्तर प्रदेश के 517 जनजातीय बहुल गांवों में बुनियादी सुविधाओं और समग्र विकास का नया अध्याय लिख रहा है।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 11 लाख की जनजातीय आबादी सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, चित्रकूट, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती और बहराइच सहित विभिन्न जनपदों में निवास करती है और इन क्षेत्रों में योजनाओं को संतृप्ति के लक्ष्य के साथ लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वन अधिकार कानून में सुधार के बाद वास्तविक दावेदारों को वन भूमि के पट्टे देने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। आज के कार्यक्रम में 1,000 से अधिक जनजातीय परिवारों को वन अधिकार पट्टे सौंपे गए हैं, और इससे पहले 23,000 से अधिक पट्टे स्वीकृत किए जा चुके हैं।’’
कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने मुख्यमंत्री को जनजातीय समाज की पहचान ‘तीर-धनुष’, वाद्ययंत्र ‘मांदर’ और पारंपरिक टोपी भेंट की।
भाषा जफर