जनजातीय समाज के विकास के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित: मुख्यमंत्री शर्मा
पृथ्वी खारी
- 15 Nov 2025, 08:08 PM
- Updated: 08:08 PM
जयपुर, 15 नवंबर (भाषा) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के विकास के लिए कृत-संकल्पित है।
शर्मा डूंगरपुर के श्री भोगीलाल राजकीय महाविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जनजाति समुदाय ने सदियों से प्रकृति, संस्कृति, साहस और सत्य के मार्ग को जीवित रखा है। राजस्थान के हृदय में आदिवासी भाई-बहन सबसे जीवंत और प्रखर धारा के रूप में मौजूद हैं।’’
उन्होंने कहा कि आदिवासियों का इतिहास संघर्ष से भरा है, लेकिन गौरवपूर्ण भी है।
शर्मा ने यह भी कहा, ‘‘जनजातियों के नृत्य में केवल ताल ही नहीं, बल्कि पीढ़ियों की कहानियां भी समाहित हैं। इसी प्रकार, त्योहारों में रंग ही नहीं, बल्कि आदिवासी गौरव की चमक भी झलकती है। राज्य सरकार इन परंपराओं को संजोकर दुनिया के सामने गर्व से पेश करेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हैं, तब हमें प्रदेश के उन अमर नायकों का भी स्मरण करना चाहिए जिन्होंने इस धरती को वीरता और बलिदान से पवित्र किया।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘विकास को सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्वसमावेशी बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं, जो नए भारत की आधारशिला बन रहे हैं।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘देश भगवान बिरसा मुंडा के निस्वार्थ त्याग और राष्ट्र सेवा के लिए सदा ऋणी रहेगा। प्रधानमंत्री का यह वाक्य केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है कि हम धरती आबा के आदर्शों के मार्ग पर निरंतर चलते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों में जनजाति कृषकों को दो लाख 36 हजार मिनिकिट वितरित किए गए हैं। प्रदेश के नौ जिलों में 530 वन धन विकास केंद्रों का गठन कर डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग 5 हजार जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।’’
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक जनजाति समाज के योगदान को वह सम्मान नहीं मिला, जिसका वह हकदार है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 से हर वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। उनकी यह पहल इन समुदायों के महान योगदान, बलिदान और गौरवशाली विरासत को सच्चा सम्मान है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने “सबका साथ-सबका विकास” के मूल मंत्र के साथ जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़कर उनका विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 87 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।
भाषा पृथ्वी