दो डॉक्टरों समेत तीन लोग हिरासत में लिये गये, अल फलाह विश्वविद्यालय पर प्राथमिकी दर्ज
राजकुमार माधव
- 15 Nov 2025, 08:48 PM
- Updated: 08:48 PM
नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने लाल किले के पास हुए विस्फोट के सिलसिले में हरियाणा के अल फलाह विश्वविद्यालय के दो डॉक्टरों समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा ध्यान दिलायी गयी कथित अनियमितताओं को लेकर संस्थान के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
लोगों को हिरासत में लिया जाना और नए आपराधिक मामले दर्ज किया जाना लाल किला के पास हुए विस्फोट की बहु-एजेंसी जांच तथा विश्वविद्यालय से जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियां सामने आने के बीच हुए हैं। इस विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई थी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा नियामक उल्लंघनों की बातें उठाये जाने के बाद अपराध शाखा ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों में दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
इससे पहले, यूजीसी और एनएएसी ने विश्वविद्यालय के कामकाज में ‘बड़ी अनियमितताएं’ उजागर कीं।
पुलिस का एक दल ने शनिवार को विश्वविद्यालय के ओखला कार्यालय का दौरा किया और जांच के दायरे में आए लोगों से जुड़ी जानकारी हासिल की।
पुलिस ने अल-फलाह विश्वविद्यालय के दो डॉक्टरों - मोहम्मद और मुस्तकीम - को भी हिरासत में लिया, जो सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट से संबद्ध हुंडई आई20 कार के चालक डॉ. उमर नबी को जानते थे।
अधिकारियों ने बताया कि विशेष शाखा और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा शुक्रवार देर रात धौज, नूंह और आसपास के इलाकों में की गई समन्वित छापेमारी के दौरान इन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि मोहम्मद और मुस्तकीम कथित तौर पर डॉ. मुजम्मिल गनई के संपर्क में थे, जिन्हें एक कथित ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। दोनों उमर के करीबी सहयोगी भी थे।
उन्होंने बताया कि शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि विस्फोट वाले दिन एक डॉक्टर एम्स में इंटरव्यू देने के लिए दिल्ली में था।
अधिकारियों ने बताया कि गनई के साथ उनके संबंधों और व्यापक साजिश में उनकी संभावित भूमिका का पता लगाने के लिए उनके बयानों की पुष्टि की जा रही है।
दिनेश उर्फ डब्बू नाम के एक अन्य व्यक्ति को भी बिना लाइसेंस के उर्वरक बेचने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
यह पता चला है कि आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों ने विस्फोटक पदार्थ खरीदने के लिए लगभग 26 लाख रुपये इकट्ठा किए थे और उसमें से तीन लाख रुपये एनपीके उर्वरक खरीदने में खर्च किए, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर बम बनाने में होता है।
अधिकारियों ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या दिनेश ने संदिग्धों को खाद बेची थी और क्या उसकी गतिविधियां अवैध व्यापार से आगे तक फैली थीं।
पुलिस दलों ने वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक चाय विक्रेता से भी पूछताछ की है, जहां उमर विस्फोट से पहले 10-15 मिनट के लिए रुका था। चाय विक्रेता ने पत्रकारों को बताया कि उसे याद है कि एक नकाबपोश व्यक्ति कुछ देर के लिए दुकान पर बैठा था।
पुलिस द्वारा छोड़े जाने के बाद चाय विक्रेता ने कहा, ‘‘पुलिस ने पूछा कि क्या उसने चाय पी थी या ज़्यादा देर तक रुका था। हम हर ग्राहक पर नज़र नहीं रखते। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज दिखाई।’’
जांचकर्ताओं ने आसफ अली रोड पर रामलीला मैदान के पास की एक मस्जिद से भी आगंतुकों के रिकॉर्ड मांगे हैं, जहां विस्फोट से कुछ घंटे पहले उमर सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विस्फोट से पहले तीन घंटे तक सुनहरी मस्जिद पार्किंग क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक वाहन का एक विस्तृत रिकॉर्ड तैयार किया गया है।
इस सूची में वाहन संख्या, समय और स्वामित्व का विवरण शामिल है।
दिल्ली पुलिस की एक टीम और एक बम निरोधक दस्ता पार्किंग क्षेत्र में तैनात है और विस्फोट के बाद से वहां मौजूद सभी वाहनों की जांच कर रहा है।
विस्फोट के समय मौजूद कारों की पहले जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद, उन्हें सत्यापन के बाद मालिकों को लौटाया जा रहा है।
जांचकर्ता ड्राइवरों और वाहन मालिकों को उमर की तस्वीर दिखा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कार खड़ी रहने के दौरान उसने किसी से मुलाकात या बातचीत तो नहीं की थी।
इससे पहले, विस्फोट के पीछे की बड़ी साजिश की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक यूएपीए मामला अब राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(एनआईए) को सौंप दिया गया है।
जांचकर्ताओं ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के अंदर से सीसीटीवी फुटेज भी हासिल की है, जिसमें बाहर लगे ट्रैफ़िक सिग्नल पर विस्फोट से ठीक पहले और बाद के पल कैद हैं।
इन दृश्यों में यात्रियों की सामान्य गतिविधियां दिखाई दे रही हैं, जब विस्फोट के ठीक उसी समय स्टेशन अचानक ज़ोर से हिलने लगता है। जैसे ही कंपन भीड़ से होकर गुज़रता है, वस्तुएं खड़खड़ाती हैं और यात्री स्पष्ट रूप से चौंक जाते हैं।
इस बीच, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के दो प्रवेश द्वार - नंबर दो और तीन - को विस्फोट के बाद एहतियात के तौर पर बंद किए जाने के लगभग चार दिन बाद फिर से खोल दिया है। डीएमआरसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ये गेट अब यात्रियों के लिए खुले हैं।’’
भाषा राजकुमार