बांग्लादेश से आए अवैध मतदाताओं को खोने के डर से टीएमसी एसआईआर का विरोध कर रही: भाजपा नेता
राखी नेत्रपाल
- 15 Nov 2025, 09:39 PM
- Updated: 09:39 PM
कोलकाता, 15 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता लॉकेट चटर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उसे उन “अवैध मतदाताओं” को खो देने का डर है, जिन्होंने बांग्लादेश से “गैरकानूनी” तरीके से सीमा पार करने के बाद राज्य प्रशासन से दस्तावेज हासिल कर लिए हैं।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से चटर्जी ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए बिहार चुनाव ने दिखाया है कि एसआईआर प्रक्रिया किस तरह मतदाता सूची के शुद्धीकरण में सहायक रही और यह सुनिश्चित किया कि केवल वास्तविक मतदाता ही अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
उन्होंने दावा किया कि बिहार में आए नतीजों ने टीएमसी को “डरा” दिया है और अब वह पश्चिम बंगाल में अपनी “हार की आहट” महसूस कर रही है।
चटर्जी ने आरोप लगाया, “अब तक एसआईआर प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल में 34 लाख मृत मतदाताओं के नाम हटाए जा चुके हैं। कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि जो लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनके नाम पर फर्जी पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वोट डाले जाते रहे होंगे।”
उन्होंने दावा किया, “इस बात की पूरी संभावना है कि ये वोट पहले हुए चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत में योगदान देते रहे होंगे। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी अब घबराहट में हैं, क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि उनका खेल खत्म हो चुका है।”
चटर्जी ने कहा कि हाल के वर्षों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच वोट शेयर का “कम अंतर” देखते हुए, एक बार जब केवल “वैध मतदाता” ही चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे तो भाजपा को निर्णायक बढ़त मिल जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया, “आपने देखा होगा कि जिन बस्तियों में कभी बांग्लादेशी और रोहिंग्या बड़ी संख्या में रहते थे, वे पिछले कुछ दिनों में खाली होने लगी हैं। फर्जी दस्तावेजों के सहारे यहां बसे घुसपैठिए बड़ी संख्या में इलाके छोड़ रहे हैं… बिहार के बाद अब भाजपा का रथ पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और घुसपैठियों को संरक्षण देने वाली तृणमूल कांग्रेस का सफाया कर देगा।”
वहीं, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने एक अलग कार्यक्रम में आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार एसआईआर प्रक्रिया को रोकने और उसके उद्देश्य को कमजोर करने के लिए “हर तरह की कोशिशें” कर रही है।
उन्होंने कहा, “यह सरकार अब कुछ ही महीनों की मेहमान है।”
चटर्जी ने यह भी कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है, जबकि नेतृत्व एक महिला मुख्यमंत्री के हाथ में है।
उन्होंने आरोप लगाया, “शुक्रवार को 21 वर्षीय युवती का शव एक वकील के चैंबर में मिला। उस वकील को पहले तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रमों में देखा गया था। यह वकील फरार है। परिवार ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन आरोपी की तलाश में कोई प्रगति नहीं हुई है।”
चटर्जी ने दावा किया कि बिहार में राजग की जीत से हिल चुकी तृणमूल कांग्रेस अब शांतिपूर्वक ढंग से विजय का जश्न मना रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, “कूच बिहार और डायमंड हार्बर में बिहार में राजग की जीत का जश्न मनाने पर हमारे कई कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया। हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके विपरीत, बिहार में परिणाम आने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) या कांग्रेस समर्थकों पर एक भी हमला नहीं हुआ।”
उधर, 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी सुनील बंसल ने मालदा जिला समिति के साथ एक संगठनात्मक बैठक की।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में चुनाव प्रचार रणनीति और तृणमूल कांग्रेस के “एसआईआर को लेकर भ्रामक अभियान” का मुकाबला करने पर चर्चा हुई।
भाषा
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