एसआईआर पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण: राज्यपाल बोस
राजकुमार नेत्रपाल
- 16 Nov 2025, 12:56 AM
- Updated: 12:56 AM
कोलकाता, 15 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शनिवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का बचाव करते हुए इसे ‘‘चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ’’ बनाने और राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक आवश्यक कदम बताया।
इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल पर राजभवन के अंदर ‘‘भाजपा के अपराधियों को शरण देने’’ तथा ‘‘उन्हें बम एवं बंदूक उपलब्ध कराने’’ का आरोप लगाया।
बोस ने कहा कि यह प्रक्रिया विसंगतियों को दूर करने और चुनावी प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए तैयार की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार चुनाव ने एसआईआर प्रणाली की व्यापक जन स्वीकृति को प्रदर्शित किया है।
बोस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर लोग भ्रमित हैं, तो हमें उन्हें समझाना चाहिए कि एसआईआर एक नई प्रक्रिया है जो चुनाव प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार ने इसे साबित कर दिया है। मुझे यकीन है कि बंगाल के लोग भी इसे स्वीकार करेंगे।’’
बोस ने तर्क दिया कि संशोधन अभियान चुनावी विश्वसनीयता को मजबूत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘चुनाव से पहले, हिंसा पर निश्चित रूप से अंकुश लगाना होगा। चुनाव प्रक्रिया से भ्रष्टाचार को ख़त्म करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य अपना मूल गौरव तभी प्राप्त कर पाएगा जब इन नासूरों, यानी भ्रष्टाचार और हिंसा, को जड़ से उखाड़ दिया जाएगा और इन्हें तुरंत जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए।’’
बोस ने कहा, ‘‘अन्यथा, इस राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। इसीलिए निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है कि इस राज्य में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों।’’
राज्यपाल ने यह भी दोहराया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को धमकी और बल प्रयोग से बचाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में चुनाव बुलेट (गोली) पर नहीं, बल्कि बैलेट (मतपत्र) पर आधारित होने चाहिए। यह एक ऐसा बदलाव है जिसकी राज्य में तत्काल आवश्यकता है।’’
राज्यपाल के बयान पर तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि राजभवन का इस्तेमाल ‘‘भाजपा के अपराधियों’’ को पनाह देने के लिए किया जा रहा है।
बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले राज्यपाल से कहिए कि वह भाजपा के अपराधियों को राजभवन में पनाह न दें।’’
बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘वह (बोस) अपराधियों को वहां रख रहे हैं, उन्हें बंदूकें और बम दे रहे हैं तथा उन्हें तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए कह रहे हैं। पहले उन्हें यह सब रोकना चाहिए।’’
उन्होंने बोस को अक्षम राज्यपाल भी बताया।
बनर्जी के आरोपों के कुछ घंटों बाद राजभवन ने तीखा खंडन जारी किया तथा उन्हें, नागरिक संस्था के सदस्यों और पत्रकारों के साथ परिसर का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया।
आधिकारिक बयान में, राजभवन ने कहा कि रविवार सुबह पांच बजे से बनर्जी और ‘नागरिक संस्था एवं मीडिया के 100 सदस्यों’ के लिए राजभवन के द्वार खोल दिए जाएंगे ताकि यह पुष्टि की जा सके कि परिसर में कथित तौर पर कोई हथियार रखा गया है या नहीं।
बोस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगर यह सही नहीं है, तो सांसद के पास बंगाल के लोगों से माफ़ी मांगने का अच्छा विकल्प है, अन्यथा नफ़रत फैलाने वाले भाषण के लिए मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार रहें। मुझे विश्वास है कि बंगाल के लोग, मेरे भाई-बहन, मेरी रक्षा करेंगे।’’
राजभवन ने कहा कि चूंकि कोलकाता पुलिस परिसर की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार है, इसलिए इस बात की तत्काल जांच होनी चाहिए कि हथियार कथित तौर पर इतने उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में कैसे पहुंच गए।
इसने कहा कि इस तरह का कोई भी उल्लंघन राज्यपाल, जो ज़ेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा में हैं, के साथ-साथ राजभवन के कर्मचारियों के लिए भी ख़तरा होगा।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘राजभवन लोकसभा अध्यक्ष से मामले की जांच कराने का अनुरोध करेगा, क्योंकि एक सांसद ने गंभीर आरोप लगाए हैं।’’
भाषा राजकुमार