पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने ‘अपमानजनक’ टिप्पणी को लेकर कल्याण बनर्जी के खिलाफ कानूनी राय मांगी
सुरभि सुरेश
- 16 Nov 2025, 03:04 PM
- Updated: 03:04 PM
कोलकाता, 16 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने रविवार को कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की राजभवन के बारे में कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी को लेकर कानूनी राय मांगी है।
बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राजभवन में हथियार एवं गोला बारूद रखने की अनुमति है।
एक अधिकारी ने बताया कि बोस ने बनर्जी के व्यवहार को दर्शाने के लिए विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘मैकबेथ’ से एक अंश साझा किया और सांसद की टिप्पणी के बारे में अपनी राय व्यक्त की। उस अंश का अर्थ है, ‘‘यह किसी मूर्ख द्वारा कही गई कहानी की तरह है, जिसमें केवल शोर-शराबा और उथल-पुथल है, पर उसमें कोई सार, अर्थ या मूल्य नहीं।’’
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राज्यपाल बनर्जी की शनिवार की टिप्पणियों को लेकर उनके (तृणमूल सांसद के) खिलाफ कानूनी राय मांग रहे हैं। राजभवन के दरवाजे सुबह पांच बजे से खुले हैं तथा वह इस बात के इंतजार में हैं कि बनर्जी राजभवन आएं और अपने आरोपों की पुष्टि के लिए वहां का निरीक्षण करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह अपनी कही बात साबित करने में नाकाम रहते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए? राज्यपाल लोकसभा अध्यक्ष को भी इस मामले की जांच के लिए पत्र लिख रहे हैं, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस सांसद ने गंभीर आरोप लगाए हैं।’’
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सांसद के आरोपों के मद्देनजर राजभवन के दरवाजे बनर्जी, नागरिक संगठन के सदस्यों और पत्रकारों के निरीक्षण करने के लिए खुले हैं।
बोस ने शनिवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को ‘‘चुनाव प्रक्रिया को साफ-सुथरा’’ बनाने के लिए जरूरी बताया था। इसके कुछ ही घंटों बाद बनर्जी ने राज्यपाल पर पलटवार किया और उनपर राजभवन में ‘‘भाजपा के अपराधियों को पनाह’’ देने तथा ‘‘उन्हें बम और बंदूकें’’ देने का आरोप लगाया।
बोस ने विशेष गहन पुनरीक्षण का बचाव करते हुए कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे विसंगतियों को दूर करने और चुनावी प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए डिजाइन किया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार चुनाव ने इस प्रणाली की व्यापक जन स्वीकृति को प्रदर्शित किया है।
बोस ने कहा, ‘‘अगर लोग भ्रमित हैं, तो हमें उन्हें समझाना चाहिए कि एसआईआर एक नयी प्रक्रिया है, जो चुनाव प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार ने इसे साबित कर दिया है। मुझे यकीन है कि बंगाल के लोग भी इसे स्वीकार करेंगे।’’
राज्यपाल के विचारों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल सांसद ने बोस पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि राजभवन का इस्तेमाल ‘‘भाजपा के अपराधियों’’ को पनाह देने के लिए किया जा रहा है।
भाषा सुरभि