मुझे अपने रक्षात्मक खेल पर भरोसा है और यही मेरे खेलने का तरीका है: बावुमा
आनन्द नमिता
- 16 Nov 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
कोलकाता, 16 नवंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने रविवार को कहा कि उनकी बल्लेबाजी का आधार मजबूत रक्षात्मक खेल है जो ईडन गार्डन्स की मुश्किल पिच पर उनके लिए काफी मददगार साबित हुआ।
इस मैच में आठ सत्र के अंदर ही 38 विकेट गिरे लेकिन पिंडली की चोट के कारण पांच महीने तक खेल से दूर रहे बावुमा ने धैर्य और एकाग्रता दिखाते हुए अर्धशतकीय पारी खेल टीम की जीत में अहम योगदान दिया।
दक्षिण अफ्रीका ने भारत को दूसरी पारी में महज 93 रन पर आउट कर 30 रन की यादगार जीत दर्ज की। बावुमा की कप्तानी में यह 11 मैचों में दक्षिण अफ्रीका की 10वीं जीत थी।
दूसरी पारी में 55 रन बनाने वाले बावुमा ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने रक्षात्मक खेल का समर्थन करता हूं। मुझे लगता है कि मेरा खेल इतना सरल है। मैं अपने डिफेंस के इर्द-गिर्द खेलने की कोशिश करता हूं।’’
कॉर्बिन बॉश के साथ उनकी आठवें विकेट के लिए 44 रनों की साझेदारी मैच का निर्णायक साबित हुई क्योंकि इसने उनकी कुल बढ़त को 100 के पार पहुंचा दिया और भारत को मुश्किल होती पिच पर 124 रनों का लक्ष्य दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ जैसा कि मैंने कहा आज सुबह मुझे लगा कि यह एक बेहतर विकेट था। अगर हमारे पास विकेट होते तो यह हमारे लिए अच्छा होता। मुझे लगता है कि हम सिर्फ 125 रनों की बढ़त से ज्यादा हासिल कर सकते थे।’’
मैच तीन दिन से भी कम समय में समाप्त हो गया लेकिन बावुमा ने कहा कि भारत दौरे पर आने वाले किसी भी खिलाड़ी के लिए परिस्थितियां नयी नहीं थीं।
उन्होंने बताया कि यहां की पिचों की अप्रत्याशित उछाल के बावजूद चोट लगाने का खतरा कम होता है लेकिन यह स्ट्रोक खेलने को जोखिम भरा बनाता है।
उन्होंने कहा, "शायद स्पिन के लिहाज से विकेट जिस तरह से खेल रहा था, उससे आपको तीसरे और चौथे दिन से और अधिक टर्न की उम्मीद होती। भारत आने पर आप यही उम्मीद कर सकते हैं।’’
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि मैंने भारत में कभी पांचवें दिन खेला है। न ही चौथे दिन। जब तक कि उन्होंने 600 रन न बना लिए हों। मेरे पिछले अनुभव से कुछ भी नया नहीं है।’’
दक्षिण अफ्रीका द्वारा भारत को उसके ही मैदान पर हराने की उपलब्धि पर बावुमा ने कहा कि यह जीत टीम की तैयारी और परिपक्वता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह शायद सच है। मुझे लगता है कि जो विकेट तैयार किया गया था, मुझे लगता है कि उनकी टीम से यही अपेक्षा की गई थी। हम यह जानते हुए यहां आए हैं कि विकेट स्पिनरों के अनुकूल होंगे।’’
बावुमा ने कहा, ‘‘ यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। हमारे कई युवा खिलाड़ियों के लिए, यह एक अनुभव है। हमने जितना भी रन बनाए हैं, हमारी बल्लेबाजी और हमारी तेज गेंदबाजी में कुछ क्षेत्रों में सुधार की गुंजाइश है।’’
उन्होंने कहा कि इस पिच पर बाउंड्री लगाना मुश्किल था ऐसे में रन बनाने के लिए स्ट्राइक रोटेशन बहुत ज़रूरी था ।
भाषा आनन्द