लाल किला विस्फोट स्थल के नौ एमएम की गोलियां मिली, गहन जांच में जुटी पुलिस
शफीक रंजन
- 16 Nov 2025, 08:28 PM
- Updated: 08:28 PM
नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) सुरक्षा एजेंसियां लाल किला विस्फोट स्थल के पास मलबे से बरामद नौ एमएम पिस्तौल के दो कारतूस और एक खोखे की जांच कर रही है। एक सूत्र ने रविवार को यह जानकारी दी।
ये दो कारतूस और खोखा उस हुंदै आई20 कार के पास मिले थे, जिसमें 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट हुआ था। इस घटना में 13 लोग मारे गए और दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए।
सूत्र के अनुसार, नौ एमएम कारतूस आमतौर पर विशेष इकाइयों या विशेष अनुमति वाले व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं।
सूत्र ने कहा, ‘‘मौके पर तैनात कर्मचारियों से भी उनको जारी किए गए कारतूसों की जांच करने को कहा गया, लेकिन कोई भी कारतूस गायब नहीं मिला। कारतूस तो थे, लेकिन उन्हें चलाने वाला कोई हथियार बरामद नहीं हुआ था। हम पूरे मामले को समझने की कोशिश कर रहे हैं कि गोलियां घटनास्थल तक कैसे पहुंचीं।’’
सूत्र ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां आरोपी उमर नबी के फरीदाबाद से निकलने, हरियाणा के नूंह जाने, दिल्ली पहुंचने और विस्फोट तक के पूरे क्रम की कड़ियां जोड़ रही हैं।
सूत्र ने कहा, ‘‘इस कड़ी में हर चेकपोस्ट पार करने, सभी पार्किंग प्रवेश और हर उस जगह को शामिल किया जाएगा जहां वह (उमर) गया या रुका, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई व्यक्ति उससे मिला था, उसके पीछे रहा या उसकी मदद की। उमर ने एनसीआर में कितने घंटे बिताए, यह समझने के लिए सभी पहलुओं को जोड़ना बेहद जरूरी है।’’
इस बीच, जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सूत्र ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां एक मजबूत हवाला कनेक्शन की जांच कर रही हैं, जिससे पता चलता है कि गिरफ्तार डॉक्टरों - मुजम्मिल और शाहीन - को अवैध माध्यमों से धन प्राप्त हुआ होगा।
शुरुआती जांच में लगभग 20 लाख रुपये के लेन-देन का संकेत मिला है, जिसका संबंध विदेश में बैठक सरपरस्तों से होने का संदेह है।
जांचकर्ता इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि क्या यह राशि रसायनों और रसद की खरीद के लिए तीनों तक पहुंचाई गई थी। अब तक मिले साक्ष्य एक सुनियोजित आर्थिक संबंध की ओर इशारा करते हैं, जिसमें लगभग तीन लाख रुपये उर्वरक खरीदने पर खर्च किए गए प्रतीत होते हैं।
विशेषज्ञों को बम बनाने में ‘ट्राइएसीटोन ट्राइपेरोक्साइड’ (टीएटीपी) के इस्तेमाल का भी संदेह है।
साथ ही, सुरक्षा एजेंसियां हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों की संलिप्तता की जांच कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों की टीमें रोजाना विश्वविद्यालय का दौरा कर रही हैं और उपस्थिति रजिस्टर, कर्मचारियों के रिकॉर्ड और उन लोगों की गतिविधियों की जांच कर रही हैं, जो गिरफ्तार डॉक्टरों के संपर्क में थे।
एक सूत्र ने बताया कि संस्थान से जुड़ी एक महिला डॉक्टर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यह कदम उमर, मुजम्मिल और शाहीन के संपर्क में रहने वाले कई लोगों के परिसर से गायब पाए जाने के बाद उठाया गया है।
भाषा शफीक