दिल्ली, श्रीनगर विस्फोटों के लिए केंद्र को देश को जवाब देना चाहिए: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख
तान्या सुरेश
- 16 Nov 2025, 09:23 PM
- Updated: 09:23 PM
जम्मू, 16 नवंबर (भाषा) कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार को दिल्ली और श्रीनगर में हाल ही में हुए विस्फोटों के लिए राष्ट्र को स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा दावा करती रही है कि उन्होंने 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाकर आतंकवाद का सफाया कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने भी भाजपा पर ‘‘गलत बयान’’ देकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ‘‘प्रयोग’’ कर रहा है और केंद्र शासित प्रदेश को ‘‘गलत तरीके से संभाल’’ रहा है।
श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित नौगाम पुलिस थाने में शुक्रवार देर रात एक आकस्मिक विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और 32 घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब एक विशेष टीम एक ‘‘सफेदपोश’’ आतंकी मॉड्यूल की चल रही जांच के सिलसिले में जब्त किए गए विस्फोटकों के एक बड़े और ‘‘अस्थिर’’ जखीरे से नमूने निकाल रही थी।
यह विस्फोट दिल्ली में लाल किले के पास एक कार में हुए विस्फोट के कुछ ही दिनों बाद हुआ, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई थी। जांचकर्ताओं ने कहा कि इस विस्फोट का संबंध उस आतंकी मॉड्यूल से है, जिसका भंडाफोड़ विस्फोटकों की बरामदगी के साथ हुआ था, मुख्यतः हरियाणा के फरीदाबाद से।
दिल्ली में हुआ विस्फोट और नौगाम पुलिस थाने पर हुआ विस्फोट देश के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
कर्रा ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत सरकार दावा करती रही है कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि आतंकवाद अब तक शांतिपूर्ण रहे जम्मू क्षेत्र और उसके बाहर भी अपने पैर पसार रहा है।’’
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब आतंकवाद की उत्पत्ति पर सवाल उठाते थे। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम भी यही सवाल उठाते हैं - आतंकवाद कहां से आ रहा है?’’
कर्रा ने आरोप लगाया कि लोगों को ‘‘गलत बयानों के माध्यम से मूर्ख बनाया जा रहा है’’, उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप, हम अन्य स्थानों पर आतंकवाद का प्रभाव देख रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘दिल्ली और श्रीनगर में विस्फोट हुए और सरकार को पूरे देश को स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि वे दावा कर रहे हैं कि अनुच्छेद 370 को हटाने से आतंकवाद खत्म हो गया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी विभाजनकारी राजनीति से देश की ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ को नुकसान पहुंचाया है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘भाजपा हर मोर्चे पर अपनी नाकामियों को छिपाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक मुद्दे उठाती है।’’
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की भारी हार के बारे में कर्रा ने कहा कि परिणामों ने साबित कर दिया है कि राहुल गांधी के "वोट चोरी" के आरोप सही थे। महागठबंधन में कांग्रेस एक प्रमुख सहयोगी है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘बिहार के नतीजों ने गांधी को सही साबित कर दिया, क्योंकि उन्होंने देश को ‘वोट चोरी’ के बारे में आगाह किया था। बिहार की जनसंख्या 7.42 करोड़ है, लेकिन 7.45 करोड़ लोगों ने मतदान किया, जबकि निर्वाचन आयोग ने 66 प्रतिशत मतदान दिखाया था।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बिहार के लोगों को अपनी सरकार चुनने के अधिकार से वंचित किया गया।
नगरोटा उपचुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही रहे, लेकिन कर्रा ने सलाह दी कि जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस को बडगाम उपचुनाव में अपनी हार पर गौर करना चाहिए।
भाजपा उम्मीदवार देवयानी राणा ने नगरोटा विधानसभा सीट पर जीत हासिल की, जो पिछले साल उनके पिता देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद खाली हुई थी।
पीडीपी ने बडगाम से जीत हासिल की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस सीट को खाली करने के बाद चुनाव कराना पड़ा था।
कर्रा ने कहा, ‘‘बडगाम के लोगों ने उमर अब्दुल्ला द्वारा वहां से सबसे ज्यादा वोट पाने के बावजूद सीट खाली करने पर अपना गुस्सा जाहिर किया। शायद, लोग उनकी सरकार के कामकाज से भी अपनी नाखुशी जाहिर करना चाहते हैं।’’
राज्य का दर्जा बहाल करने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के भीतर और बाहर तथा पिछले साल विधानसभा चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों से राज्य का दर्जा बहाल करने के बारे में बार-बार वादे किए थे।’’
कर्रा ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई है, जिससे हमें इस अंधी, बहरी और गूंगी सरकार को जगाने के लिए संघर्ष शुरू करने के लिए प्रेरित होना पड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग केवल कांग्रेस की नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के 1.40 करोड़ लोगों की भावना को भी दर्शाती है।
भाषा तान्या