एसआईआर ड्यूटी के दौरान बीएलओ बीमार हुआ, कार्यभार पर विवाद गरमाया
खारी नरेश
- 16 Nov 2025, 09:42 PM
- Updated: 09:42 PM
कोलकाता, 16 नवंबर (भाषा) कोलकाता में एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) रविवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के काम के दौरान बीमार पड़ गए और उनके परिवार ने दावा किया कि गणना प्रपत्र जमा करने व अपलोड करने की समयसीमा को पूरा करने के दबाव के कारण वह गंभीर तनाव में थे।
बीएलओ की पत्नी ने बताया कि अनिमेष नंदी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।
पेशे से स्कूल शिक्षक नंदी तब बीमार हुए जब वह उत्तरी कोलकाता के बेलेघाटा इलाके में पर्यवेक्षक के साथ एक बैठक में भाग ले रहे थे।
इस घटना के बाद बीएलओ के कार्यभार को लेकर बहस छिड़ गई।
बीएलओ के एक संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें अब फॉर्म की डिजिटलीकरण और डेटा अपलोड करने जैसे अतिरिक्त काम सौंप दिए गए हैं, जबकि शुरू में उनसे केवल फॉर्म वितरित करने, मतदाताओं को प्रक्रिया समझाने, दस्तावेज इकट्ठा करने और चार दिसंबर तक जमा कराने को ही कहा गया था।
‘बीएलओ यूनिटी मंच’ के प्रवक्ता स्वप्न मंडल ने कहा, ‘‘एसआईआर के साथ-साथ स्कूल की जिम्मेदारियां भी उन पर भारी पड़ रही हैं। हम डेटा एंट्री ऑपरेटरों की तत्काल भर्ती की मांग करते हैं।’’
इस घटना से राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया। तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग जबरन एसआईआर प्रक्रिया अपना रहा है और कई बीएलओ असुविधा झेल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कई मामलों में बीएलओ को सहायक उपलब्ध कराने का आयोग का वादा पूरा नहीं होता दिख रहा है।’’
इसके पहले, तृणमूल ने राज्य में आत्महत्याओं सहित कई मौतों को जारी एसआईआर से जोड़ते हुए यह दावा किया था कि लोग अपने मतदान अधिकार खोने के डर से परेशान हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए (महंगाई भत्ता) में बढ़ोतरी के अदालती आदेश पर उदासीन रवैया अपना रही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बीएलओ के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है। अगर उन पर जरूरत से अधिक काम का बोझ है, तो इसकी वजह राज्य सरकार की अक्षमता है, जिसने बीएलओ का काम कम करने के लिए अधिक डेटा एंट्री ऑपरेटरों की भर्ती नहीं की।’’
घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस एसआईआर को बाधित करना चाहती है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के केंद्रीय समिति सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया, ‘‘निर्वाचन आयोग पूरी तरह से किसी भरोसेमंद प्रक्रिया को लागू करने के लिए तैयार नहीं है; वे हर दिन नए परिपत्र जारी कर रहे हैं।’’
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि आयोग इस संबंध में मीडिया की खबरों की समीक्षा कर रहा है और कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने बीएलओ को इस काम में मदद करने के लिए हरसंभव कदम उठाए हैं और चार नवंबर से उनकी सहायता से पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है।’’
भाषा खारी