केरल एमवीडी ने कबाड़ वाहनों के धोखाधड़ी से पुन: पंजीकरण कराने के संदिग्ध मामले का पता लगाया
सिम्मी मनीषा
- 17 Nov 2025, 11:11 AM
- Updated: 11:11 AM
कोल्लम (केरल), 17 नवंबर (भाषा) केरल मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) ने पुनालुर में वाहनों संबंधी संदिग्ध धोखाधड़ी का उस समय पता लगाया जब एक व्यक्ति ने कबाड़ में डाले गए राज्य सरकार के एक दोपहिया वाहन को पुनः पंजीकृत कराने का प्रयास किया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
एमवीडी ने हाल में अपने फेसबुक पेज पर इस धोखाधड़ी का विवरण साझा किया।
अधिकारियों के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब पंजीकरण संख्या एचपी-47-ए-4670 वाली एक रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल पुनालुर उप-क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पुनः पंजीकरण के लिए लाई गई।
सहायक मोटर वाहन निरीक्षक सिमोद वी एस ने मोटरसाइकिल का निरीक्षण करते समय इसके ‘चेसिस नंबर’ (वाहन पहचान संख्य) में विसंगतियां देखीं।
इसके बाद उन्होंने परिवहन डेटाबेस में वाहन के ‘चेसिस नंबर’ की पुष्टि करने का निर्णय लिया।
एमवीडी अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें सत्यापन के दौरान पता चला कि मोटरसाइकिल मूल रूप से तिरुवनंतपुरम आरटीओ में केएल-01-एवी-4409 नंबर के तहत केरल सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) द्वारा उपयोग किए जाने वाले राज्य सरकार के वाहन के रूप में पंजीकृत थी। इसे कुछ साल पहले कबाड़ में डाल दिया गया था और वाहन का पंजीकरण रद्द कर दिया गया था।’’
केरल सरकार की नीति के अनुसार, वाहनों को 15 साल की सेवा के बाद कबाड़ में डाल दिया जाता है।
एमवीडी अधिकारी ने बताया कि इन वाहनों को सख्ती से केवल कबाड़ में डालने के लिए दिया जाता है और इनके पुन: पंजीकरण की अनुमति नहीं होती।
एमवीडी अधिकारियों ने उस व्यक्ति से वाहन के संबंध में पूछताछ की जो इसे पुनः पंजीकरण के लिए लेकर आया था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने बताया कि मोटरसाइकिल मलप्पुरम जिले के एक डीलर से खरीदी गई थी जिसने इसे हरियाणा से खरीदा था। ऐसा प्रतीत होता है कि मौजूदा मालिक को पंजीकरण धोखाधड़ी की जानकारी नहीं थी।’’
एमवीडी अधिकारियों को यह जानकर हैरानी हुई कि केरल में कबाड़ में डाली गई मोटरसाइकिल को एक पूर्व-सेना/नीलामी वाहन के रूप में दर्ज किया गया था और इसे हिमाचल प्रदेश के आरटीओ डलहौजी में पंजीकृत किया गया था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘परिवहन के रिकॉर्ड बताते हैं कि इसे 22 जुलाई, 2025 को सेना से खरीदा गया था और 24 जुलाई, 2025 को जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से दोबारा पंजीकृत कराया गया था।’’
एमवीडी को संदेह है कि जिस व्यक्ति ने कबाड़ में डालने के लिए सरकारी विभाग से दोपहिया वाहन खरीदा था, उसने इसे दूसरे राज्य के डीलर को बेच दिया होगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हो सकता है कि दूसरे राज्य के डीलर ने इसे हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत कराने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया हो।’’
एमवीडी ने विस्तृत जांच के लिए वाहन पुलिस को सौंप दिया है।
एमवीडी अधिकारी ने बताया कि पुनालुर पुलिस मामला दर्ज कर जांच करेगी।
भाषा सिम्मी