बांग्लादेश में 2024 के छात्र आंदोलन के बाद हसीना पर चलाए गए मुकदमे से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम
नोमान दिलीप
- 17 Nov 2025, 04:28 PM
- Updated: 04:28 PM
नयी दिल्ली/ढाका, 17 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश में पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह के साथ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पतन शुरू हुआ और उन्हें पांच अगस्त को देश छोड़ना पड़ा। इसके बाद घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हुई, जिसके तहत अंततः सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बांग्लादेश) ने उन्हें दोषी ठहराया और उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई।
हसीना के पद से हटने के बाद 15 अशांत महीनों में घटित घटनाओं का विवरण इस प्रकार है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मृत्यु की सजा सुनाई गई।
पांच अगस्त, 2024: छात्रों के नेतृत्व में हुए व्यापक विद्रोह के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। वह भारत भाग गईं।
आठ अगस्त, 2024: मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ।
14 अगस्त, 2024: अंतरिम सरकार ने कहा कि वह छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश में मुकदमा चलाएगी।
अक्टूबर 2024: अंतरिम सरकार ने आईसीटी-बांग्लादेश का पुनर्गठन किया।
17 अक्टूबर, 2024: आईसीटी-बांग्लादेश ने मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के संबंध में अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना और अवामी लीग के शीर्ष नेताओं सहित 45 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
नवंबर 2024: गुलाम मुर्तजा मजूमदार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय आईसीटी-बांग्लादेश ने जांचकर्ताओं को दिसंबर 2024 तक अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया।
फरवरी 2025: संयुक्त राष्ट्र की तथ्यान्वेषी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए।
एक जून, 2025: मुक़दमा आधिकारिक तौर पर शुरू हुआ। अभियोजक ने मामले को निहत्थे नागरिकों के खिलाफ समन्वित और व्यवस्थित हिंसा के रूप में पेश किया।
19 जून, 2025: आईसीटी ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए.वाई. मोशी-उज़-ज़मां को हसीना के बचाव के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया।
दो जुलाई, 2025: हसीना को अदालत की अवमानना के लिए उनकी अनुपस्थिति में छह महीने के कारावास की सजा सुनाई गई।
10 जुलाई, 2025: आईसीटी ने हसीना, पूर्व गृह मंत्री असद-उज़-ज़मां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर सामूहिक हत्याओं सहित मानवता के विरुद्ध अपराधों के पांच मामलों में औपचारिक रूप से अभियोग लगाया।
तीन अगस्त, 2025: न्यायाधिकरण ने मानवता के विरुद्ध कथित अपराधों के लिए हसीना और उनके दो सहयोगियों के विरुद्ध उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा शुरू किया।
23 अक्टूबर, 2025: न्यायाधिकरण ने मामले की सुनवाई पूरी की।
13 नवंबर, 2025: न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाने के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की।
17 नवंबर, 2025: आईसीटी-बांग्लादेश ने हसीना और पूर्व गृह मंत्री कमाल को उनकी अनुपस्थिति में मानवता के विरुद्ध अपराधों के जुर्म में दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई, जबकि सरकारी गवाह बने मामून को मामले में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई।
भाषा नोमान