मप्र : अल-फलाह विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारी का छोटा भाई धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार
हर्ष मनीषा नोमान नरेश
- 17 Nov 2025, 04:40 PM
- Updated: 04:40 PM
इंदौर, 17 नवंबर (भाषा) दिल्ली विस्फोट के बाद जांच के घेरे में आए फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी के छोटे भाई को मध्यप्रदेश पुलिस ने निवेशकों से कथित धोखाधड़ी के करीब 25 साल पुराने कुछ मामलों में गिरफ्तार किया है। पुलिस की एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि इस व्यक्ति की गिरफ्तारी पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) यांगचेन डोलकर भूटिया ने संवाददाताओं को बताया,‘‘महू पुलिस थाने में 25 साल पहले दर्ज तीन मामलों में हमूद अहमद सिद्दीकी को हैदराबाद से रविवार को गिरफ्तार किया गया। हमारे चार सदस्यीय दल ने पुराने आपराधिक मामलों के फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान के तहत इस व्यक्ति को पकड़ा है।’’
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी के खिलाफ वर्ष 2000 में भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी) और अन्य संबद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत महू पुलिस थाने में तीन मामले दर्ज किए गए थे।
भूटिया ने बताया कि इन प्रकरणों के अलावा सिद्दीकी के खिलाफ महू पुलिस थाने में 1988 और 1989 के दौरान बलवे और हत्या के प्रयास के आरोपों में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे।
उन्होंने बताया,‘‘सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर 2019 में 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।’’
भूटिया ने बताया कि सिद्दीकी फिलहाल हैदराबाद में शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी एक निजी कंपनी चलाते हैं।
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी मूलत: महू के रहने वाले हैं जहां वह 1995 के आस-पास बतौर प्रबंध निदेशक एक निवेश कंपनी चलाते थे और इस कंपनी के संचालक मंडल में उनकी पत्नी और एक परिचित भी शामिल थे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सिद्दीकी को महू में निवेश के नाम पर कथित धोखाधड़ी के तीन मामलों में गिरफ्तार किया गया जिनमें कुल मिलाकर 40 लाख रुपये के आस-पास की धन राशि हड़पने के आरोप हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘सिद्दीकी के खिलाफ लोगों से निवेश के नाम पर धन लेकर इस पर करीब 20 प्रतिशत ब्याज दिलाने का झांसा देने का आरोप है। उन्होंने महू में दो साल कंपनी चलाई और तीसरे साल वह परिवार समेत इस कस्बे से फरार हो गए।’’
भूटिया के मुताबिक महू में एक जमाने में सिद्दीकी का बड़ा परिवार रहता था, लेकिन यह कस्बा छोड़ने के बाद आरोपी ने किसी भी स्थानीय व्यक्ति से कोई संपर्क नहीं रखा।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय के चांसलर (कुलाधिपति) जवाद अहमद सिद्दीकी धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार हमूद अहमद सिद्दीकी के बड़े भाई हैं।
पुलिस अधीक्षक ने हालांकि स्पष्ट किया कि महू पुलिस थाने में वर्ष 2000 में दर्ज धोखाधड़ी के मामलों से जवाद अहमद सिद्दीकी का कोई संबंध नहीं है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महू पुलिस द्वारा हमूद जवाद सिद्दीकी की पृष्ठभूमि की दोबारा जांच शुरू करने और उसके स्थानीय संबंधों का पता चलने के बाद यह गिरफ्तारी की गई।
गौरतलब है कि दिल्ली विस्फोट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ा था।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले का अल-फलाह विश्वविद्यालय दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए उच्च तीव्रता वाले विस्फोट के सिलसिले में चिकित्सकों की गिरफ्तारी के बाद जांच के घेरे में है।
हालांकि, विश्वविद्यालय ने हाल में बयान जारी करके इस विस्फोट की निंदा की थी और कहा था कि वह एक जिम्मेदार संस्थान है और देश के साथ एकजुटता से खड़ा है।
इस बीच एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच और विश्वविद्यालय के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के दो मामलों के संबंध में अल फलाह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को दो समन जारी किए हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें समन जारी करना एक व्यापक जांच का हिस्सा है।
इस विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए थे।
भाषा हर्ष मनीषा नोमान