कर्नाटक सरकार एआई युक्त पर्सनल कंप्यूटर ‘केईओ’ पेश करेगी
धीरज वैभव
- 17 Nov 2025, 05:02 PM
- Updated: 05:02 PM
बेंगलुरु, 17 नवंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने सोमवार को ‘केईओ’ की शुरुआत करने की घोषणा की। यह एक कॉम्पैक्ट, किफायती, एआई (कृत्रिम मेधा) तकनीक इस्तेमाल करने में सक्षम पर्सनल कंप्यूटर है जिसे पूरी तरह से राज्य में ही डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि डिजिटल पहुंच की खाई को पाटा जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि केईओ का अभिप्राय ‘‘नॉलेज ड्राइवन (के), इकोनॉमिकल (ई) और ओपन सोर्स (ओ)’’ से है जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर कृत्रिम मेधा युक्त कंप्यूटिंग को सुलभ और पूरे कर्नाटक में नागरिकों को सशक्त बनाना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और बीटी विभाग द्वारा केईओनिक्स (कर्नाटक राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड) के सहयोग से विकसित केईओ का औपचारिक अनावरण मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा 18 नवंबर से शुरू होने वाले बेंगलुरु टेक समिट (बीटीएस) 2025 के उद्घाटन समारोह में किया जाएगा।
बीटीएस 2025 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/बीटी और ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा, ‘‘कर्नाटक अपना खुद का किफायती एआई पर्सनल कंप्यूटर पेश कर रहा है। दुनिया में पहली बार किसी राज्य ने इतना साहसिक और क्रांतिकारी कदम उठाया है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘केईओ कर्नाटक की भावना का प्रतीक है-जिसे स्थानीय स्टार्टअप और कन्नड लोगों द्वारा डिजाइन, विकसित और असेंबल किया गया है।’’
प्रियांक ने कहा कि इस उपकरण का निर्माण यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि ‘‘प्रत्येक छात्र, इंजीनियर, निर्माता, नवप्रवर्तक और परिवार को न केवल शीर्ष स्तर पर, बल्कि जमीनी स्तर पर भी शक्तिशाली, कृत्रिम मेधा युक्त कंप्यूटिंग तक पहुंच प्राप्त हो।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि करीब 10 प्रतिशत भारतीयों के पास ही निजी कंप्यूटर है।
प्रियांक ने कहा कि कर्नाटक में यह आंकड़ा मात्र 15 प्रतिशत है, जो आधुनिक शिक्षा और डिजिटल आजीविका के लिए आवश्यक स्तर से काफी कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि स्मार्टफोन व्यापक रूप से उपयोग में हैं, लेकिन अध्ययन बताते हैं कि शैक्षणिक कार्य, कोडिंग, ऑनलाइन कक्षाओं और हाइब्रिड शिक्षा के लिए कंप्यूटर आवश्यक हैं।’’
प्रियांक ने बताया कि 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय छात्रों ने बताया कि उपकरण की कमी के कारण वे ऑनलाइन प्रशिक्षण में भाग नहीं ले पा रहे हैं, जो स्कूल छोड़ने की दर में वृद्धि का एक कारण है।
मंत्री ने कहा, ‘‘केईओ डिजिटल विभाजन के खिलाफ कर्नाटक का व्यावहारिक जवाब है। यह कोई विलासिता का उपकरण नहीं, बल्कि एक समावेशी उपकरण है। यह कंप्यूटर छात्रों, छोटे व्यवसायों और परिवारों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने का अवसर प्रदान करेगा।’’
एक बयान के अनुसार,केईओ एक ओपन-सोर्स आरआईएससी-5 प्रोसेसर पर लिनक्स-आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ काम करता है।
बयान के मुताबिक इस कंप्यूटर में 4जी, वाई-फाई, ईथरनेट, यूएसबी-ए और यूएसबी-सी पोर्ट, हाई-डेफिनिशन मल्टीमीडिया इंटरफेस (एचडीएमआई) और ऑडियो सपोर्ट की सुविधा है। इसमें पहले से ही सीखने, प्रोग्रामिंग आदि के लिए सॉफ्टवेयर अपलोड हैं।
इसमें एक ऑन-डिवाइस एआई कोर भी है, जो एआई अनुप्रयोगों को इंटरनेट के बिना स्थानीय रूप से चलाने की अनुमति देता है। इसमें पहले से अपलोड किया गया ‘बीयूडीडीएच’ भी शामिल है, जो राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण विभाग (डीएसईआरटी) के पाठ्यक्रम पर प्रशिक्षित एक एआई एजेंट है, जो कम कमजोर इंटरनेट संपर्क वाले क्षेत्रों में भी छात्रों की सहायता करता है।
भाषा धीरज