बांग्लादेश : मुजीबुर रहमान के मकान के पास एकत्र प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाकर्मियों ने किया बल प्रयोग
रवि कांत रवि कांत वैभव
- 17 Nov 2025, 06:00 PM
- Updated: 06:00 PM
ढाका, 17 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश में सुरक्षा एजेंसियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के राजधानी ढाका स्थित मकान को सोमवार को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
डेली स्टार समाचार पत्र ने रमना डिवीजन पुलिस उपायुक्त मसूद आलम के हवाले से बताया, ‘‘ प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए तेज आवाज करने वाले कई ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया।’’
अखबार ने बताया कि लाठीचार्ज और ईंट-पत्थर फेंकने के दौरान कई प्रदर्शनकारी और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
प्यार से बंगबंधु कहे जाने वाले मुजीबुर रहमान 15 अगस्त 1975 को एक सैन्य तख्तापलट में मारे गए थे। उस घटना में उनके परिवार के अधिकांश सदस्य भी मारे गए थे, जिनमें उनका 10 वर्षीय सबसे छोटा बेटा शेख रसेल भी शामिल था।
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पिछले वर्ष अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद रहमान के निजी आवास का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया था। इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया था।
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले वर्ष जुलाई में उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के दौरान किए गए ‘‘मानवता के विरुद्ध अपराधों’’ के लिए सोमवार को एक विशेष न्यायाधिकरण द्वारा उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई गई।
महीनों तक चले मुकदमे के बाद अपने फैसले में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने 78 वर्षीय अवामी लीग नेता को हिंसक दमन का “मास्टरमाइंड और प्रमुख सूत्रधार” बताया, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी।
अखबार के अनुसार, फैसला सुनाए जाने से पहले ही प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने दो खुदाई मशीनों को धानमंडी 32 की ओर ले जाने की कोशिश की, जहां रहमान का घर है। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाईं।
कुछ प्रदर्शनकारी पंथापथ पर स्क्वायर अस्पताल के पास पुनः एकत्रित हो गए, जहां कानून प्रवर्तकों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे।
ढाका में मीरपुर रोड और आसपास के इलाकों में यातायात स्थगित कर दिया गया तथा पड़ोस की अधिकांश दुकानें बंद कर दी गईं।
अपराह्न लगभग 2:45 बजे, प्रदर्शनकारियों के भारी दबाव के बीच कानून प्रवर्तन अधिकारी पीछे हट गए। कुछ ही मिनट बाद सेना, पुलिस और आरएबी ने लाठियों और ग्रेनेडों का इस्तेमाल शुरू कर दिया, जिससे इलाके पर फिर से पूर्ण नियंत्रण हो गया।
धानमंडी डिवीजन के अतिरिक्त उपायुक्त जिसानुल हक ने कहा, ‘‘हम किसी भी परिस्थिति में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे।’’
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