निर्वाचन आयोग ने असम में मतदाता सूची के 'विशेष पुनरीक्षण’ का आदेश दिया
नोमान माधव
- 17 Nov 2025, 09:33 PM
- Updated: 09:33 PM
नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने असम में मतदाता सूची के 'विशेष पुनरीक्षण' का सोमवार को आदेश दिया और अंतिम मतदाता सूची 10 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के लिए आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, एक जनवरी, 2026 राज्य के लिए विशेष पुनरीक्षण करने की पात्रता तिथि होगी।
अधिकारियों के अनुसार, विशेष पुनरीक्षण, मतदाता सूचियों के वार्षिक विशेष सारांश पुनरीक्षण और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच की प्रक्रिया है।
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, "यह एक तरह से विशेष सारांश पुनरीक्षण का उन्नत रूप है… इसमें गणना फॉर्म भरवाने की बजाय, बूथ-स्तर के अधिकारी पहले से भरे हुए रजिस्टर के आधार पर मतदाताओं की जानकारी की जांच करेंगे।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया और सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "असम सरकार भारत निर्वाचन आयोग के उस निर्णय का स्वागत करती है जिसमें 01.01.2026 को पात्रता तिथि मानकर मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।"
उन्होंने कहा, "इससे सभी पात्र नागरिकों के लिए स्वच्छ, अद्यतन और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। असम पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से संशोधन को पूरा करने के लिए आयोग को पूरा सहयोग देगा।"
कार्यक्रम के अनुसार, घर-घर जाकर सत्यापन 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक होगा।
एकीकृत मसौदा मतदाता सूची 27 दिसंबर को और अंतिम मतदाता सूची अगले वर्ष 10 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
फील्ड सत्यापन के लिए बूथ-स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को पहले से भरा हुआ एक रजिस्टर दिया जाएगा, जिसमें उनके क्षेत्र के सभी मौजूदा मतदाताओं का विवरण होगा। इस रजिस्टर के आधार पर वे घर-घर जाकर जानकारी की पुष्टि करेंगे।
इसमें कहा गया है कि डी-वोटर (संदिग्ध मतदाता) का विवरण रजिस्टर में शामिल नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनके मामले में सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।
‘डी-वोटर’ असम में मतदाताओं की एक श्रेणी है, जिन्हें सरकार ने कथित तौर पर उचित नागरिकता प्रमाण-पत्रों के अभाव के कारण मताधिकार से वंचित कर दिया है। ‘डी-वोटर’ का निर्धारण विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत विशेष न्यायाधिकरणों द्वारा किया जाता है, और ‘डी-वोटर’ घोषित व्यक्ति को मतदाता पहचान पत्र नहीं दिया जाता है।
‘डी-वोटर’ के सभी संबंधित विवरण, जैसे नाम, आयु और फोटोग्राफ, बिना किसी परिवर्तन के मसौदा मतदाता सूची में जोड़ दिए जाएंगे।
इसमें में कहा गया है कि नाम हटाने सहित कोई भी संशोधन, "सक्षम विदेशी न्यायाधिकरण या किसी उपयुक्त न्यायालय से आदेश प्राप्त होने पर" किया जाएगा।
आयोग ने छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के लिए एसआईआर का पिछले महीने आदेश दिया था।
इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे। असम में भी 2026 में चुनाव होने हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल में कहा था, "असम में एसआईआर करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा एक विशेष आदेश जारी किया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "नागरिकता अधिनियम के तहत असम में नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नागरिकता जांच का काम लगभग पूरा होने वाला है। 24 जून का एसआईआर आदेश पूरे देश के लिए था। ऐसी स्थिति में यह असम पर लागू नहीं होता।"
भाषा नोमान