शिक्षक भर्ती: साक्षात्कार तक पहुंचने में विफल रहे अभ्यर्थियों ने कोलकाता में विरोध मार्च निकाला
राजकुमार संतोष
- 17 Nov 2025, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
कोलकाता, 17 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के बावजूद साक्षात्कार तक पहुंचने में विफल रहे अभ्यर्थियों के एक वर्ग ने सोमवार को यहां विरोध मार्च निकाला। ये अभ्यर्थी उच्च अंक प्राप्त करने के बावजूद साक्षात्कार के लिए आवश्यक ‘कट-ऑफ’ अंक हासिल नहीं कर सके।
उन्होंने यहां करुणामयी चौराहे से साल्ट लेक स्थित शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें सेंट्रल पार्क के पास ही यह कहते हुए रोक दिया कि उनके पास रैली निकालने की अनुमति नहीं है। वे वहीं बैठ गए जहां उन्हें रोका गया था।
स्कूल सेवा आयोग ने पिछले माह शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। उससे पहले उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल में एसएससी के 2016 के पैनल को अमान्य करार दिया था जिसके बाद आयोग ने यह परीक्षा आयोजित की ।
शीर्ष अदालत ने 2016 के पैनल को अमान्य करार देते हुए राज्य संचालित और सहायता प्राप्त संस्थानों में लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था, क्योंकि उसने चयन प्रक्रिया दूषित पायी थी।
कई ‘बेदाग’ शिक्षकों की नौकरी अदालत के आदेश से चली गई थी क्योंकि यह साबित नहीं हुआ कि वे अनियमितताओं में शामिल थे। उन्हें और नए उम्मीदवारों को पिछले महीने परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई।
एसएससी द्वारा साक्षात्कार पूर्व सत्यापन के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित किये जाने के बाद, यह आरोप लगाया गया है कि कई नए परीक्षार्थियों को उच्च अंक प्राप्त करने के बावजूद नहीं बुलाया गया है।
मालदा के अंग्रेजी विषय के अभ्यर्थी मुख्तार अहमद खान ने पूछा,‘‘मुझे लिखित परीक्षा में 60 में से 60 अंक मिले और शैक्षणिक योग्यता में भी 10 में से 10 अंक। फिर भी, मुझे सत्यापन के लिए नहीं बुलाया गया। यह बहुत आश्चर्य की बात है। 70 में से 70 अंक पाने के बाद भी, मुझे सत्यापन के लिए क्यों नहीं बुलाया गया?’’
विरोध मार्च में भाग लेने वाले कई अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें पूर्ण या लगभग पूर्ण अंक प्राप्त हुए थे, फिर भी उन्हें सत्यापन के लिए नहीं बुलाया गया।
एसएससी के एक अधिकारी ने बताया कि जिन उम्मीदवारों को सत्यापन के लिए बुलाया गया था, उनकी सूची उस दिशानिर्देश के अनुसार तैयार की गई थी जिसके अनुसार शिक्षण अनुभव के लिए 10 अंक और साक्षात्कार के लिए 20 अंक दिए जायेंगे।
पुलिस ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए हटने से इनकार कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे नहीं हटेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य शिक्षा विभाग से तीन सूत्री मांगपत्र को मानने का अनुरोध किया।
उन्होंने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों को दिए गए 10 अंक वापस लेने की मांग की, जिसके बारे में नए उम्मीदवारों का कहना है कि इससे चयन प्रक्रिया ‘अनुचित’ रूप से उनके पक्ष में झुक गई।
भाषा
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