मोबाइल आईएमईआई से छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध, तीन साल की कैद और जुर्माना: दूरसंचार विभाग
रमण अजय
- 17 Nov 2025, 09:59 PM
- Updated: 09:59 PM
नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) दूरसंचार विभाग ने सोमवार को कहा कि मोबाइल फोन के 15 अंकों वाले आईएमईआई नंबर सहित दूरसंचार पहचान से जुड़ी चीजों से छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध है और इसके लिए तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
दूरसंचार विभाग ने सभी विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों और विक्रेताओं को जारी एक परामर्श में उनसे निर्धारित कानूनी ढांचे का पूरी तरह से पालन करने को कहा।
परामर्श में कहा गया, ‘‘दूरसंचार अधिनियम, 2023, आईएमईआई नंबर सहित दूरसंचार पहचान से जुड़ी चीजों से छेड़छाड़ करने पर कठोर दंड का प्रावधान करता है...। उल्लंघन करने पर तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।’’
दूरसंचार पहचान या अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) से छेड़छाड़ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपराधियों पर नजर रखना चुनौतीपूर्ण बना देती है।
परामर्श में कहा गया, ‘‘दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित करने और नकली उपकरणों को रोकने के लिए, भारत सरकार ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के तहत अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) पंजीकरण पर सख्त नियम लागू किए हैं और छेड़छाड़ पर रोक लगाई है।’’
दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत, मोबाइल हैंडसेट, मॉडेम, मॉड्यूल, सिम बॉक्स आदि जैसे किसी भी रेडियो उपकरण को जानबूझकर अपने पास रखना, यह जानते हुए भी कि उसमें अनधिकृत या छेड़छाड़ किए गए दूरसंचार पहचान से जुड़ी चीजों का उपयोग हुआ है, एक अपराध है।
परामर्श में कहा गया, ‘‘ये अपराध अधिनियम की धारा 42(7) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। धारा 42(6) ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने वालों के लिए समान दंड का प्रावधान करती है।’’
दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 किसी भी व्यक्ति को विशिष्ट दूरसंचार उपकरण पहचान संख्या को जानबूझकर हटाने, मिटाने, बदलने या संशोधित करने या दूरसंचार पहचानकर्ता या दूरसंचार उपकरण से संबंधित हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर का उपयोग, उत्पादन, यातायात, नियंत्रण या अभिरक्षा रखने या उसे अपने पास रखने से रोकता है।
परामर्श में कहा गया, ‘‘ऐसे उपकरणों का उपयोग करना जिनमें प्रोग्राम करने योग्य आईएमईआई की क्षमता हो, आईएमईआई से छेड़छाड़ के समान है और अधिनियम तथा दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के अनुसार कानूनी प्रावधानों के अधीन होगा। विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों, विक्रेताओं, पुनर्विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं को पता होना चाहिए कि छेड़छाड़ किए गए या ‘कॉन्फिगर’ करने योग्य आईएमईआई नंबर वाले उपकरणों का विनिर्माण, खरीद, संयोजन या उपयोग करने के गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।’’
नियमों में आयातकों को यह भी अनिवार्य किया गया है कि वे आईएमईआई युक्त किसी भी उपकरण (जैसे मोबाइल हैंडसेट, मॉड्यूल, मॉडेम, सिम बॉक्स, आदि) को भारत में बिक्री, परीक्षण, अनुसंधान और विकास या किसी अन्य उद्देश्य के लिए आयात करने से पहले डिवाइस सेतु - (भारतीय नकली उपकरण प्रतिबंध (आईसीडीआर) पोर्टल पर आईएमईआई नंबर पंजीकृत करें।
परामर्श में कहा गया, ‘‘दूरसंचार विभाग इस बात पर जोर देता है कि ये नियम दूरसंचार साइबर सुरक्षा बनाए रखने, फर्जीवाड़े को रोकने, कानून लागू करने को सुविधाजनक बनाने और उचित कर संग्रह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। सख्त अनुपालन भारत के दूरसंचार बुनियादी ढांचे को नकली और छेड़छाड़ किए गए उपकरणों से बचाता है, कानून प्रवर्तन का समर्थन करता है और कर और नियामक पालन सुनिश्चित करता है...।’’
भाषा रमण