कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल पर कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे: सिद्धरमैया
हक माधव पारुल
- 17 Nov 2025, 10:06 PM
- Updated: 10:06 PM
बेंगलुरु/नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि वह अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल के संबंध में कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।
सिद्धरमैया ने इस बात का जिक्र किया कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें चार-पांच महीने पहले ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने सरकार के ढाई साल पूरे करने पर जोर दिया था।
मुख्यमंत्री ने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अपनी मुलाकात से पहले कही। उन्होंने इस मुलाकात को “शिष्टाचार भेंट” बताया।
सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि पिछले हफ्ते कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हुई उनकी मुलाकात में सिर्फ बिहार चुनाव पर ही चर्चा हुई थी और किसी अन्य मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के ढाई साल इस महीने पूरे होने वाले हैं।
कुछ लोग इसे “नवंबर क्रांति” भी कह रहे हैं, जिसमें सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित तौर पर मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई साल के लिए साझा किए जाने संबंधी समझौते का हवाला दिया जा रहा है।
सिद्धरमैया ने खरगे से मंत्रिमंडल फेरबदल के संबंध में चर्चा से जुड़े सवाल पर कहा, “मैंने राहुल गांधी से कोई चर्चा नहीं की। अगर खरगे कहेंगे, तो मैं बात करूंगा।”
नयी दिल्ली में संवाददाताओं से मुखातिब सिद्धरमैया ने कहा, “चार-पांच महीने पहले, आलाकमान ने मुझसे फेरबदल करने के लिए कहा था। मैंने कहा था कि अभी यह उचित नहीं है, इसे ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद करते हैं और आलाकमान इसके लिए मान गया था। अब 20 नवंबर को सरकार ढाई साल पूरे कर लेगी। आलाकमान जो भी कहेगा, मैं उसका पालन करूंगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह खरगे के साथ बैठक में मंत्रिमंडल में फेरबदल का मुद्दा उठाएंगे, उन्होंने कहा, “सब कुछ स्थिति पर निर्भर करेगा।”
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगर कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी दे देता है, तो यह इस बात का संकेत होगा कि मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे शिवकुमार के इस पद पर आसीन होने की संभावनाएं धूमिल हो जाएंगी।
यह पूछे जाने पर कि मंत्री पद के कई दावेदारों को मंत्रिमंडल में फेरबदल की उम्मीद है, सिद्धरमैया ने कहा, “हमारे पास 142 विधायक हैं, वे सभी (मंत्री बनने के) योग्य हैं।”
मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “यह आलाकमान की राय पर आधारित होगा।”
सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य की कई पुरानी मांगों पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञापन में रायचूर में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना, बाढ़ राहत के लिए 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करने और महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने की मांग की गई है।
भाषा
हक माधव