कर्नाटक सरकार बेंगलुरु में बुनियादी ढांचे पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही: शिवकुमार
खारी मनीषा
- 18 Nov 2025, 04:13 PM
- Updated: 04:13 PM
बेंगलुरु, 18 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बेंगलुरु को ‘‘लगातार विकसित होता शहर’’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए शहर पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है।
बेंगलुरु विकास के प्रभारी मंत्री शिवकुमार ‘बेंगलुरु प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन’ के 28वें संस्करण के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
एशिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी आयोजन माना जाने वाला यह सम्मेलन कर्नाटक सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और बीटी विभाग तथा ‘सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया’ (एसटीपीआई) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
शिवकुमार ने कहा, “हम मानते हैं कि प्रौद्योगिकी, नवाचार और निवेश तभी फलते-फूलते हैं जब नींव मजबूत हो। इसलिए हमारी सरकार अभूतपूर्व गति से बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है।”
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार ने बेंगलुरु में कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें 42,500 करोड़ रुपये की लागत से 40 किलोमीटर लंबी दोहरी सुरंग परियोजना, 18,000 करोड़ रुपये की लागत से 41 किलोमीटर लंबी डबल-डेकर मेट्रो, 15,000 करोड़ रुपये की लागत से 110 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, 5,000 करोड़ रुपये की लागत से 320 किलोमीटर लंबी सड़कें, 500 करोड़ रुपये की लागत से ‘स्काईडेक’ और 27,000 करोड़ रुपये की लागत से 74 किलोमीटर लंबा बेंगलुरु बिजनेस कॉरिडोर शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “हम बेंगलुरु शहर में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रहे हैं।”
उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बेंगलुरु के लिए एक और हवाई अड्डे की योजना तैयार की जा रही है। प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की सहायता और समन्वय के लिए कर्नाटक सरकार एक अलग एनआरआई सचिवालय शुरू कर रही है।
उन्होंने कहा, “हम एनआरआई के लिए आवासीय कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं। बिदादी के पास 9,000 एकड़ में एक विश्वस्तरीय ‘एआई सिटी’ बनाई जा रही है। हम एक अंतरराष्ट्रीय परिसर भी बना रहे हैं, जहां दुनिया की बड़ी कंपनियों के दफ्तर होंगे।”
शिवकुमार ने यह भी कहा कि मौसम और संस्कृति के मामले में बेंगलुरु की बराबरी कोई शहर नहीं कर सकता।
प्रौद्योगिकी और प्रतिभा को बेंगलुरु के दो प्रमुख स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि शहर की असली ताकत केवल उसके बुनियादी ढांचे या नीतिगत प्रोत्साहनों में नहीं, बल्कि उसके लोगों में है।
उपमुख्यमंत्री ने उद्योग जगत के दिग्गजों से अपील की कि वे कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से ग्रामीण शिक्षा को मजबूत बनाने में सरकार की सहायता करें। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आवश्यक नीतियां लाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा, “आइए मिलकर ऐसा भविष्य बनाएं, जहां प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और उद्यमिता न केवल हमारे राज्य या देश, बल्कि पूरी दुनिया के लिए नए अवसर पैदा करे।”
अंत में शिवकुमार ने कहा, “मैं कर्नाटक की ओर से आपको आश्वासन देता हूं कि हम आपसी सहयोग करेंगे और साझा विकास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।”
भाषा खारी