भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के संतुलित होने पर ही अच्छी खबर मिलेगी: गोयल
रमण निहारिका
- 18 Nov 2025, 05:13 PM
- Updated: 05:13 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर आप तभी अच्छी खबर सुनेंगे जब यह समझौता उचित, न्यायसंगत और संतुलित होगा।
गोयल ने साथ ही कहा कि भारत समझौते में किसानों और मछुआरों के हितों को ध्यान में रखेगा।
इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा यहां आयोजित 22वें भारत-अमेरिका आर्थिक शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते के लिए बातचीत एक प्रक्रिया है और एक राष्ट्र के रूप में भारत को किसानों, मछुआरों एवं लघु उद्योगों के हितों को ध्यान में रखना होगा।
गोयल ने कहा, ‘‘...एक राष्ट्र के रूप में भारत को अपने हितों की रक्षा करनी होगी। हमें अपने हितधारकों, कंपनियों के हितों की रक्षा करनी होगी। साथ ही किसानों, मछुआरों व लघु उद्योगों के प्रति अपनी संवेदनशीलता के साथ संतुलन बनाना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सही संतुलन बना लेंगे, तो निश्चिंत रहें कि हमें इसके परिणाम मिलेंगे...जब यह समझौता निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित हो जाएगा तो आपको अच्छी खबर सुनने को मिल जाएगी।’’
भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर मार्च से बातचीत कर रहे हैं। अब तक छह दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है।
गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, "परिवार में कभी-कभी थोड़ी बहुत नोक-झोंक तो होती रहती है...। मुझे नहीं लगता कि संबंधों में कोई दरार है। यह दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बना हुआ है...’’
गोयल ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के साथ एलपीजी आयात समझौता कई साल के लिए हो सकता है। दोनों देशों के बीच मित्रता स्थायी है और साझेदारी लगातार बढ़ रही है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने अभी-अभी एक बड़े एलपीजी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत हम हर साल 22 लाख टन एलपीजी का आयात लंबी अवधि के लिए करेंगे। इसलिए यह एक सतत प्रक्रिया है। हम दोनों देशों के बीच व्यापार एवं वाणिज्य का विस्तार करने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध हैं।’’
गौरतलब है कि इस समझौते के लिए बातचीत महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। उसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंध में तनाव आया है। इसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क भी शामिल है।
प्रस्तावित समझौते का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है जो अभी 191 अरब डॉलर है।
इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ललित भसीन ने भारत-अमेरिका संबंधों के महत्व का उल्लेख करते हुए उम्मीद जतायी की कि 22वां शिखर सम्मेलन विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत एवं गहन बनाने में मदद करेगा।
आईएसीसी के कार्यकारी परिषद के सदस्य और शिखर सम्मेलन के सह-चेयरमैन अतुल चौहान ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों का न केवल दोनों देशों पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी व्यापक असर पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका संबंधों का बहुत बड़ा प्रभाव है। यह न केवल हमारे दोनों देशों के लिए बल्कि व्यापक वैश्विक परिदृश्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।’’
भाषा रमण