खाद्य कानून के तहत चार-पांच माह में 2.25 करोड़ अपात्र लाभार्थियों को हटाया गया : सचिव
राजेश राजेश अजय
- 18 Nov 2025, 05:52 PM
- Updated: 05:52 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) खाद्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने पिछले 4-5 महीनों में मुफ्त मासिक राशन योजना के लगभग 2.25 करोड़ अपात्र लाभार्थियों की छंटनी की है क्योंकि वह इस कार्यक्रम को केवल पात्र लोगों को लाभ पहुंचाने पर केंद्रित करना चाहती है।
प्रति माह पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न (गेहूं और चावल) केवल गरीबों को मासिक भरण-पोषण के साधन के रूप में प्रदान किया जाता है।
हालांकि, अनपेक्षित लाभार्थी - जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, जिनकी मासिक आय सीमा से अधिक है या जो कंपनियों के निदेशक हैं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सूची में शामिल हो गए थे।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनएफएसए से लगभग 2.25 करोड़ अपात्र लाभार्थियों को हटा दिया गया है।’’
सचिव ने कहा कि यह कवायद ‘सही’ लाभार्थियों को बेहतर ढंग से लक्षित करने के लिए की गई है।
चोपड़ा ने कहा कि पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकारों द्वारा सूची में जोड़ा जा रहा है।
मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने अपात्र लाभार्थियों की पहचान की है। लाभार्थियों के उचित सत्यापन और अयोग्य पाए जाने पर उनके नाम हटाने के लिए सूची राज्य सरकारों के साथ साझा की गई थी।
अधिकारी ने कहा कि पिछले 4-5 महीनों में इन 2.25 करोड़ अपात्र लाभार्थियों को सूची से बाहर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इनमें से कई लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनियों में निदेशक पद पर आसीन और चार पहिया वाहनों के मालिक लाभार्थियों के नाम भी सूची से हटा दिए गए हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), जिसे वर्ष 2013 में संसद द्वारा पारित किया गया था, ग्रामीण आबादी के 75 प्रतिशत और शहरी आबादी के 50 प्रतिशत तक को इसके दायरे में लाने का प्रावधान करता है।
यह देश की कुल जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई हिस्से को अपने दायरे में लेता है, जो वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 81.35 करोड़ है।
राज्य, लाभार्थियों की पहचान और उनके राशन कार्ड जारी करने के लिए ज़िम्मेदार हैं। अधिनियम के तहत अपात्र लाभार्थियों को हटाना और पात्र लाभार्थियों को जोड़ना एक सतत प्रक्रिया है। पात्रता मानदंड भी राज्यों द्वारा तय किए जा रहे हैं।
लाभार्थियों की दो श्रेणियों - अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) के तहत मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है। अधिनियम के तहत प्रति अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवार को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्रति पीएचएच व्यक्ति को प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न का अधिकार है।
इस वर्ष जुलाई में, केंद्र ने संसद को सूचित किया था कि 81.35 करोड़ के लक्षित कवरेज के मुकाबले, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने केवल 80.56 करोड़ व्यक्तियों की पहचान की है और एनएफएसए के तहत 79 लाख और लाभार्थियों की पहचान की गुंजाइश है।
देश में 19 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारक हैं, जबकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग पांच लाख राशन की दुकानें (उचित मूल्य की दुकानें) हैं।
भाषा राजेश राजेश