सबरीमला मंदिर में लगभग दो लाख तीर्थयात्री पहुंचे, प्रशासन के लिए भीड़ प्रबंधन हुआ मुश्किल
पारुल माधव
- 18 Nov 2025, 06:30 PM
- Updated: 06:30 PM
(तस्वीरों के साथ)
पत्तनमथिट्ठा, 18 नवंबर (भाषा) केरल के सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर के पट वार्षिक ‘मंडला-मकरविलक्कु’ तीर्थयात्रा सत्र के लिए खोले जाने के 48 घंटे के भीतर लगभग दो लाख तीर्थयात्री वहां पहुंच गए, जिससे त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) और पुलिस को भीड़ प्रबंधन में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
टेलीविजन चैनल पर प्रसारित दृश्यों में मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचाने वाली 18 सीढ़ियों के सामने छोटे से क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी जा सकती है।
सबरीमला की तलहटी पंबा से सन्निधानम तक तीर्थयात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे कई लोगों को यात्रा में घंटों की देरी का सामना करना पड़ा।
टीवी चैनल पर प्रसारित दृश्यों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आगे बढ़ने के लिए एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करती नजर आ रही थी और इस दौरान अपने माता-पिता के कंधों पर सवार बच्चों को रोते देखा जा सकता था।
कई श्रद्धालुओं को भीड़ नियंत्रण के लिए लगाए गए अवरोधकों पर चढ़ते देखा गया और पुलिस उन्हें रोकने में कड़ी मशक्कत करती नजर आई।
कुछ श्रद्धालुओं ने शिकायत की कि मंदिर के बाहर घंटों कतारों में खड़े होने के दौरान उन्हें पीने का पानी नहीं मिला।
टीडीबी के नवनियुक्त अध्यक्ष के जयकुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि तीर्थयात्री दर्शन के लिए बारी-बारी से सुचारू रूप से 18 सीढ़ियां चढ़ें और कोई भी कतार तोड़कर आगे न बढ़े।
उन्होंने कहा कि मंदिर के बाहर कतारों में खड़े तीर्थयात्रियों के पास जाकर उन्हें पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए 200 अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
जयकुमार ने कहा, “मैंने मंदिर परिसर में अब तक इतनी भारी भीड़ कभी नहीं देखी। ऐसा लग रहा है कि कुछ तीर्थयात्री आगे बढ़ने के लिए कतार तोड़ रहे हैं। यहां इतनी भारी भीड़ देखकर मैं भी डर गया हूं।”
उन्होंने कहा, “मैंने तीर्थयात्रियों की निर्बाध एवं सुचारु आवाजाही की व्यवस्था करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी कतार तोड़कर आगे न बढ़े। यहां इतनी भारी भीड़ नहीं जुटने दी जानी चाहिए थी।”
जयकुमार ने कहा कि उन्होंने पंबा में तीर्थयात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए निलक्कल में उनका (तीर्थयात्रियों के) प्रवाह धीमा करने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि उन्हें (तीर्थयात्री) कतार में घंटों इंतजार न करना पड़े और वे अपनी तीर्थयात्रा शीघ्र पूरी कर सकें।
उन्होंने कहा, “तीर्थयात्री निलक्कल में इंतजार कर सकते हैं। वहां इसके लिए सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही, वहां सात अतिरिक्त ‘स्पॉट बुकिंग’ काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि तीर्थयात्रियों को बुकिंग के लिए पंबा न आना पड़े।”
बाद में भीड़ नियंत्रण उपायों के तहत प्रतिबंध लगा दिए गए और श्रद्धालुओं को नीलक्कल तथा तीर्थयात्रा मार्ग के कुछ अन्य पड़ावों पर आगे बढ़ने से अस्थायी रूप से रोक दिया गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एस श्रीजीत ने हालात अभी भी नियंत्रण में हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल चार अलग-अलग दिनों पर मंदिर पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई थी, लेकिन इस बार महज दो दिन के भीतर करीब दो लाख तीर्थयात्री तीर्थयात्रा के लिए आ चुके हैं।
पत्तनमथिट्ठा में संवाददाताओं से मुखातिब श्रीजीत ने कहा कि दो समस्याएं हैं और लोग सहयोग करें, तो इनका समाधान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पहली समस्या यह है कि अदालत के निर्देशों के अनुसार ‘स्पॉट बुकिंग’ (मौके पर बुकिंग) की सीमा 20,000 तय करने के बावजूद अधिक संख्या में तीर्थयात्री मंदिर आ रहे हैं।
श्रीजीत ने कहा, “श्रद्धालु मौके पर बुकिंग के जरिये तत्काल दर्शन की सुविधा देने की मांग कर रहे हैं। इसलिए हमें ‘स्पॉट बुकिंग’ के तहत 37,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत देनी पड़ी, क्योंकि हम उन्हें लौटा नहीं सकते थे।”
उन्होंने कहा कि दूसरी समस्या यह है कि ‘वर्चुअल-क्यू’ (ऑनलाइन कतार) बुकिंग कराने वाले श्रद्धालु उस दिन नहीं पहुंच रहे हैं, जिस दिन के लिए उन्होंने बुकिंग की है।
एडीजीपी ने कहा, “ये श्रद्धालु जब चाहते हैं, तब आ जाते हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर लोग अनुशासित तरीके से आएं, तो इन समस्याओं का समाधान हो सकता है।”
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
श्रीजीत ने कहा कि इसके अलावा, कई लोग कतारों में नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
इससे पहले, टीडीबी अध्यक्ष ने मंगलवार सुबह कहा था कि तीर्थयात्री सबरीमला में स्थापित कतार परिसरों में प्रवेश नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं वे पीछे न हो जाएं।
उन्होंने कहा था, “लेकिन अगर वे (तीर्थयात्री) कतार परिसर में प्रवेश करते हैं, तो हमारे लिए उन्हें पानी और बिस्कुट उपलब्ध कराना आसान हो जाएगा।”
जयकुमार ने बताया था कि 200 अतिरिक्त कर्मियों को कतारों में खड़े लोगों के पास जाकर उन्हें पानी उपलब्ध कराने के लिए तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया था कि सबरीमला में शौचालयों की सफाई के लिए तमिलनाडु से लगभग 200 सफाई कर्मियों को लाया जा रहा है।
जयकुमार ने कहा कि सबरीमला में अब हर रोज अधिकतम एक लाख तीर्थयात्रियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह अभूतपूर्व भीड़ है। अभी चिंता की कोई बात नहीं है। बुधवार से ‘स्पॉट बुकिंग’ प्रतिदिन 20,000 तक सीमित रहेगी। हालात जल्द ही सामान्य हो जाएंगे।”
इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार पर श्रद्धालुओं के लिए सुचारु तीर्थयात्रा की व्यवस्था नहीं करने का आरोप लगाया।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने दावा किया कि राज्य सरकार और टीडीबी तीर्थयात्रियों को पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में “विफल” रहे हैं तथा पर्याप्त पुलिस कर्मियों की तैनाती भी नहीं की गई है।
सतीशन ने राज्य सरकार के इस कथित रुख को “हास्यास्पद” करार दिया कि स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण उचित व्यवस्था नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा कि तैयारियां बहुत पहले ही कर ली जानी चाहिए थीं।
सतीशन ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने राजनीतिक उद्देश्यों से वैश्विक अयप्पा संगम का आयोजन किया था, उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए इस साल की तीर्थयात्रा खराब कर दी।
उन्होंने केरल उच्च न्यायालय से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
वहीं, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भी राज्य सरकार और टीडीबी पर इसी तरह के आरोप लगाए।
भाषा पारुल