एसआईआर का राजनीतिक, संगठनात्मक और कानूनी रूप से मुकाबला किया जाएगा : राहुल गांधी
हक हक दिलीप
- 18 Nov 2025, 06:33 PM
- Updated: 06:33 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद को लेकर मंगलवार को सवाल खड़े किए और कहा कि इसका राजनीतिक, संगठनात्मक एवं कानूनी रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान यह टिप्पणी की।
पार्टी मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक हुई, जहां मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद जारी है।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों के साथ-साथ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता तथा सचिव भी शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि साफ-सुथरी मतदाता सूची प्रदान करना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है, लेकिन इसके बजाय वह राजनीतिक दलों पर यह ज़िम्मेदारी डालने की कोशिश कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि एसआईआर की प्रक्रिया जल्दबाजी में अपनाई जा रही है और इसका उद्देश्य वास्तविक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाना है।
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बताया था कि नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 51 करोड़ मतदाताओं में से 50 करोड़ से ज़्यादा मतदाताओं को मतदाता सूची की चल रही एसआईआर प्रकिया के तहत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं।
अपने दैनिक एसआईआर बुलेटिन में आयोग ने कहा था कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50.11 करोड़ गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। दूसरे शब्दों में, 50.99 करोड़ मतदाताओं में से 98.32 प्रतिशत को आंशिक रूप से भरे हुए प्रपत्र प्राप्त हुए हैं।
जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर की कवायद जारी है, वह छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप हैं।
इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। आयोग ने पूर्वोत्तर के इस राज्य के लिए ‘‘विशेष पुनरीक्षण’’ की घोषणा की है।
भाषा हक हक