ट्रंप व अमेरिकी उद्योग सऊदी के शहजादे का गर्मजोशी से स्वागत करने को तैयार
एपी प्रशांत माधव
- 18 Nov 2025, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
वाशिंगटन, 18 नवंबर (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार को सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान का व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में सऊदी एजेंटों द्वारा हत्या के बाद यह उनका पहला दौरा होगा।
सऊदी शासकों के प्रखर आलोचक खशोगी की हत्या से अमेरिका-सऊदी अरब के रिश्तों में खटास आ गयी थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बाद में निर्धारित किया कि प्रिंस मोहम्मद ने ही एजेंटों को ऐसा करने का निर्देश दिया था।
लेकिन सात साल बाद यह तनाव काफी हद तक खत्म हो गया है। ट्रंप अब 40 वर्षीय शहजादे को पश्चिम एशिया के भविष्य को आकार देने वाले एक अहम साझेदार के रूप में देख रहे हैं। सलमान अपनी ओर से खशोगी की हत्या में किसी भी भूमिका से इनकार करते रहे हैं।
दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता में खशोगी का मुद्दा शायद ही प्रमुख रहेगा। वे अरबों डॉलर के समझौते की घोषणा और अस्थिर पश्चिम एशिया में आगे की जटिल राह पर चर्चा करने वाले हैं। दिन का समापन व्हाइट हाउस में प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह के साथ होगा, जिसमें शहजादे का सम्मान किया जाएगा।
ट्रंप ने दौरे से पहले सऊदी अरब के बारे में कहा, “वे हमारे बेहतरीन सहयोगी रहे हैं।”
लड़ाकू विमान और कारोबारी सौदे
सऊदी अरब के शहजादे की बहुप्रतीक्षित वाशिंगटन यात्रा की पूर्व संध्या पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह इस खाड़ी देश को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचेंगे। हालांकि, ट्रंप प्रशासन में इस बात को लेकर चिंता है कि इस तरह की बिक्री से चीन को उन्नत हथियार प्रणाली के पीछे की अमेरिकी प्रौद्योगिकी तक पहुंच मिल सकती है।
ट्रंप की घोषणा इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि रिपब्लिकन प्रशासन में कुछ लोग इजराइल की अपने पड़ोसियों पर गुणात्मक सैन्य बढ़त को प्रभावित करने को लेकर चिंतित हैं, विशेषकर ऐसे समय में जब ट्रंप अपनी गाजा शांति योजना की सफलता के लिए इजराइल के समर्थन पर निर्भर हैं।
यह अप्रत्याशित कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ट्रंप सऊदी अरब को इजराइल के साथ संबंध सामान्य बनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने अपने पहले कार्यकाल में अब्राहम समझौते के माध्यम से इजराइल और बहरीन, मोरक्को और संयुक्त अरब अमीरात के बीच वाणिज्यिक और राजनयिक संबंध बनाने में मदद की थी।
ट्रंप, गाजा में दो साल से चल रहे इजराइल-हमास युद्ध के बाद पश्चिम एशिया में स्थिरता लाने के अपने व्यापक प्रयासों के लिए समझौतों के विस्तार को आवश्यक मानते हैं।
राष्ट्रपति ने हाल के सप्ताह में यह भी अनुमान व्यक्त किया था कि एक बार सऊदी अरब समझौते पर हस्ताक्षर कर दे, तो अरब जगत का “हर कोई” इसमें शामिल हो जाएगा।
हालांकि सऊदी अरब का कहना है कि इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने पर विचार करने से पहले फलस्तीनी राष्ट्र की दिशा में एक स्पष्ट रास्ता तय किया जाना चाहिए। इस बीच, इज़राइल फलस्तीनी राष्ट्र के निर्माण का पुरजोर विरोध कर रहा है।
अमेरिकी सैन्य सहयोग का आश्वासन
नेताओं के पास निश्चित रूप से बात करने के लिए बहुत कुछ होगा, जिसमें गाजा में नाजुक युद्ध विराम को बरकरार रखना, ईरान के दुर्भावनापूर्ण व्यवहार के बारे में आपसी चिंताएं और सूडान में गृहयुद्ध शामिल हैं।
सऊदी अरब ट्रंप से अपने साम्राज्य के लिए अमेरिकी सैन्य सुरक्षा के दायरे को परिभाषित करने वाला औपचारिक आश्वासन प्राप्त करने की उम्मीद कर रहा है। हालांकि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) द्वारा अनुमोदित नहीं की गई किसी भी बात को अगले राष्ट्रपति द्वारा रद्द किया जा सकता है।
खशोगी की हत्या के बाद से पश्चिम से दूर रहे शहजादे मोहम्मद (40) एक प्रमुख नेता के रूप में अपनी स्थिति को पुनः स्थापित करना चाहते हैं, जो खनन, प्रौद्योगिकी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश करके सऊदी अर्थव्यवस्था को तेल से अलग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एपी प्रशांत