संरा में ट्रंप की गाजा योजना अपनाने की नेतन्याहू ने सराहना की, हमास ने नकारा
एपी सुरेश अविनाश
- 18 Nov 2025, 07:14 PM
- Updated: 07:14 PM
यरुशलम, 18 नवंबर (एपी) इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा की सुरक्षा और शासन के लिए ट्रंप प्रशासन के खाके को संयुक्त राष्ट्र (संरा) द्वारा मंजूरी दिए जाने की मंगलवार को सराहना की, जबकि हमास ने इस योजना को विदेशी नियंत्रण थोपने का प्रयास करार देते हुए इसे नकार दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सोमवार को पारित प्रस्ताव युद्धग्रस्त गाजा में सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय बल की मौजूदगी को मंजूरी देता है, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की देखरेख में शांति बोर्ड नामक एक अस्थायी प्राधिकरण को मंजूरी देता है और स्वतंत्र फलस्तीन के लिए एक संभावित भविष्य की कल्पना करता है।
नेतन्याहू के कार्यालय ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमारा मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप की योजना शांति और समृद्धि की ओर ले जाएगी, क्योंकि यह (योजना) गाजा के पूर्ण विसैन्यीकरण, निरस्त्रीकरण और कट्टरपंथ के खात्मे पर जोर देती है।’’
यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय बल को व्यापक अधिकार प्रदान करता है, जिसमें सीमाओं की निगरानी, सुरक्षा प्रदान करना और गाजा का विसैन्यीकरण शामिल है।
हमास ने सोमवार को कहा कि निरस्त्रीकरण सहित बल का अधिदेश उसकी तटस्थता से वंचित कर देता है। इसने कहा, ‘‘यह प्रस्ताव फलस्तीनी लोगों की राजनीतिक और मानवीय मांगों तथा अधिकारों के स्तर पर खरा नहीं उतरता है।’’
हमास ने मांग की कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय बल संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में होना चाहिए, जो युद्धविराम की निगरानी के लिए केवल गाजा की सीमाओं पर तैनात हो और यह विशेष रूप से फलस्तीनी संस्थानों के साथ काम करे।
फलस्तीनी प्राधिकरण (पीए) ने प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि वह इसे तुरंत जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए तैयार है। उसने कहा कि वह अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अरब एवं यूरोपीय देशों के साथ सहयोग करेगा।
फलस्तीनी, आमतौर पर इजराइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक के अर्ध-स्वायत्त क्षेत्रों पर शासन करने वाले प्राधिकरण (पीए) को कमज़ोर और भ्रष्ट मानते हैं।
प्रस्ताव को पारित करने में अरब और अन्य मुस्लिम देशों का समर्थन महत्वपूर्ण रहा, जो युद्धविराम के आलोचक रहे थे और संभावित रूप से अंतरराष्ट्रीय बल में योगदान दे सकते थे।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने शुक्रवार को कतर, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जॉर्डन और तुर्की के साथ एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें अमेरिकी प्रस्ताव को ‘‘शीघ्र अपनाने’’ का आह्वान किया गया।
दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले मुस्लिम-बहुल देश इंडोनेशिया और तुर्किये दोनों ने कहा कि वे द्वि-राष्ट्र समाधान की दिशा में काम करेंगे, जिसका नेतन्याहू ने विरोध किया है।
ब्रिटेन की विदेश मंत्री यवेट कूपर ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘20-सूत्री योजना को आगे बढ़ाने और इसे न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति में बदलने के लिए मिलकर काम करने की ज़रूरत है।’’
कूपर ने ‘‘सभी रास्ते खोलने, प्रतिबंध हटाने और गाजा में सहायता में वृद्धि के लिए तत्काल कार्रवाई’’ का आह्वान किया।
एपी सुरेश