गोयल ने एफडीआई, एफआईआई बढ़ाने के उपायों के चर्चा के लिए बैठक की
रमण अजय
- 18 Nov 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश आकर्षित करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए संबंधित पक्षों के साथ एक बैठक की।
बैठक में प्रक्रियाओं को तेज, सुचारू और अधिक कुशल बनाकर देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) को आकर्षित करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
सरकार देश में तेज और अधिक कुशल निवेश प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए एफडीआई और एफआईआई प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने को लेकर निरंतर परामर्श कर रही है। यह बैठक यहां वाणिज्य भवन में आयोजित की गई।
इससे पहले, फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक के उद्घाटन सत्र में गोयल ने कहा कि वह इस बात पर चर्चा करने के लिए ये विचार-विमर्श करेंगे कि ‘एफडीआई और एफआईआई दोनों को तेज, सुचारू और अधिक कुशल बनाने के लिए हम और क्या कर सकते हैं।’’
मंत्री ने कहा कि निवेश से रोजगार सृजन होगा, नई प्रौद्योगिकी आएगी, अनुसंधान एवं विकास और नवोन्मेष को बढ़ावा मिलेगा।
यह रक्षा विनिर्माण को भी बढ़ावा देगा, घरेलू मुद्रा को अधिक स्थिरता प्रदान करेगा, जिससे मुद्रास्फीति को और कम करने में मदद मिलेगी।
गोयल ने कहा, ‘‘हमें नीतियों के मोर्चे पर निश्चितता, स्थिर मुद्रा और पूरे निवेश परिवेश के बारे में निवेशकों में भरोसा देखने की जरूरत है।’’
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 15 प्रतिशत बढ़कर 18.62 अरब डॉलर रहा। पिछले वित्त वर्ष में, एफडीआई इक्विटी प्रवाह कुल 50.01 अरब डॉलर था, जबकि कुल एफडीआई 80.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उद्योग अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाए और एक ही क्षेत्र पर निर्भरता कम करे।
इसके अलावा, गोयल ने आत्मनिर्भर बनकर और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर, युवाओं को आकर्षित कर तथा निवेश-अनुकूल परिवेश बनाकर और अंत में, नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक को अपनाकर भारत को एक घरेलू औद्योगिक विनिर्माण केंद्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत बतायी।
उन्होंने उद्योग जगत से भारत के विकास को गति देने में मदद के लिए अधिक महत्वाकांक्षी और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का भी आग्रह किया।
गोयल ने कहा, ‘‘साहसिक लक्ष्य निर्धारित करें। हम वृद्धिशील वृद्धि से संतुष्ट नहीं हो सकते।’’ फिक्की जैसे उद्योग मंडलों को अपने जनसंपर्क प्रयासों के परिणामों का बारीकी से ऑडिट करना चाहिए।’’
राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का हवाला देते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में राष्ट्रीय सुरक्षा को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक चेतावनी है...। हम सभी को सामूहिक रूप से सचेत रहना होगा।’’ उन्होंने उद्योग जगत को कारखानों और तकनीकी प्रणालियों में सावधानी बरतने का सुझाव दिया क्योंकि इनके प्रभावित होने की आशंका ज्यादा है।’’
भाषा रमण